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Friday, March 29, 2024

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बिहार में CM पद को लेकर NDA में घमासान, भाजपा नेता की नीतीश को बदलने की मांग पर गरमायी सियासत

पटना : बिहार का अगला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बजाय भाजपा से होने के पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के जोर देने पर राज्य में सियासत गरमा गयी है. मुख्यमंत्री पद पर नीतीशकुमार का यह तीसरा कार्यकाल है. भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय पासवान ने इस बात पर जोर देने की कोशिश की […]

पटना : बिहार का अगला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बजाय भाजपा से होने के पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के जोर देने पर राज्य में सियासत गरमा गयी है. मुख्यमंत्री पद पर नीतीशकुमार का यह तीसरा कार्यकाल है. भाजपा के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) संजय पासवान ने इस बात पर जोर देने की कोशिश की कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष (नीतीश कुमार) के प्रति उनके मन में असम्मान की भावना नहीं है. लेकिन, इस बात का जिक्र किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही राजग के सभी घटक दलों को वोट मिले थे.

संजय पासवान ने सोमवार को कहा था कि लगातार तीन कार्यकाल तक हम (भगवा दल) नीतीश कुमार के लिए खड़े रहे. समय आ गया है कि वह बदले में भाजपा को एक मौका दें. लोकसभा चुनाव से साबित हो गया है कि उन्हें भी वोट पाने के लिए नरेंद्र मोदी की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि वह भाजपा से किसे मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहेंगे, पासवान ने कहा कि यह (उपमुख्यमंत्री) सुशील कुमार मोदी, (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री) नित्यानंद राय हो सकते हैं या भाजपा नेतृत्व जिन्हें उपयुक्त समझे.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार लंबे समय तक राज्य की सेवा कर चुके हैं. वह अब केंद्र जा सकते हैं और बिहार की राजनीति को जदयू की दूसरी पंक्ति के नेताओं के लिए छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘यह मेरी निजी राय है.’ पासवान की यह राय खुद सुशील कुमार मोदी के रुख के विपरीत है, जिन्होंने हाल में कहा था कि राजग नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगले साल विधानसभा चुनाव लड़ेगा.

जदयू नेताओं ने भी पासवान के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, राज्य के मंत्री और विधानसभा में उप नेता श्याम रजक और प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने पासवान की आलोचना की. राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, ‘‘क्या मुख्यमंत्री भाजपाईयों की बात का खंडन करने का माद्दा रखते हैं? क्या यह सच नहीं है कि आदरणीय नीतीश जी ने मोदी जी के नाम पर वोट मांग कर अपना घोषणा पत्र जारी किए बिना ही भाजपा के घोषणा पत्र पर 16 सांसद बना लिए? क्या यह यथार्थ नहीं है कि हरेक विधेयक पर वो भाजपा का समर्थन कर रहे है? फिर वो अलग कैसे?

कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार में भाजपा सुनियोजित तरीके से नीतीश कुमार से छुटकारा पाने हेतु करवा रही है मुख्यमंत्री के विरुद्ध अपमानजनक बयानबाजी, हालांकि ये उनका आंतरिक मामला है लेकिन इस स्थिति के लिए नीतीश जी क्या स्वयं नहीं हैं जिम्मेदार? भस्मासुर तो उन्होंने ही पैदा किया है.’ वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा नीत रालोसपा ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है. लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह नूरा कुश्ती कर रही है.

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