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पटना : 80% रोपनी, पर बारिश के मौसम में सूखे का संकट
पटना : राज्य में सूखे की आहट के बीच 80 फीसदी रोपनी हो गयी है. लेकिन, अब धान के पौधों को पानी के लाले पड़ रहे हैं. ग्राउंड वाटर लेवल नापने का उपकरण टेलीमेटरी के आंकड़ों के अनुसार पिछले 18 दिनों मेें भूजल एक से 18 फुट नीचे चला गया है. यह आंकड़ा आठ से […]
पटना : राज्य में सूखे की आहट के बीच 80 फीसदी रोपनी हो गयी है. लेकिन, अब धान के पौधों को पानी के लाले पड़ रहे हैं. ग्राउंड वाटर लेवल नापने का उपकरण टेलीमेटरी के आंकड़ों के अनुसार पिछले 18 दिनों मेें भूजल एक से 18 फुट नीचे चला गया है. यह आंकड़ा आठ से 25 अगस्त के बीच का है. धान के साथ ही 91.48 प्रतिशत क्षेत्रों में मक्के की खेती की गयी है.
ऐसे में बारिश नहीं होने और सूखे आहर-पइन में सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से खेतों में लगी इन फसलों पर खतरा मंडराने लगा है. इस पूरे प्रकरण पर समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार को उच्चाधिकारियों की बैठक बुलायी है. कृषि विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों दक्षिण बिहार के कुछ इलाकों में ही हल्की बारिश हुई. ऐसे में नालंदा जिले के बेन प्रखंड में आठ से 25 अगस्त के दौरान ग्राउंड वाटर लेवल करीब 18 फुट नीचे गया है.
वहीं, औरंगाबाद जिले के रफीगंज, बक्सर के चौसा, बांका के बेलहर, कैमूर के चांद और चैनपुर प्रखंडों में ग्राउंड वाटर लेवल करीब 10 फुट तक नीचे चला गया है. इसके अलावा अधिकतर ब्लॉक में करीब एक फुट तक इसमें कमी आयी है. इसका सीधा असर फसलों की सिंचाई और पेयजल पर पड़ा है. ऐसे इलाकों में पेयजल के लिए पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं.
कहां कितनी हुई रोपनी
राज्य के कुल 12 जिलों में करीब90 फीसदी से अधिक क्षेत्रों में धान की रोपनी हो चुकी है. इसमें भोजपुर, रोहतास, भभुआ, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया और कटिहार शामिल हैं. वहीं बक्सर, अरवल, सारण, मुजफ्फरपुर,सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी,समस्तीपुर और पूर्णिया सहितकुल नौ जिलों में 80-90 प्रतिशत क्षेत्रों में धान की रोपनी हुई है. साथ ही औरंगाबाद, सीवान, पश्चिमी चंपारण तथा दरभंगा सहित कुल चार जिलों में 70-80 प्रतिशत तक ही रोपनी हो पायी है.
इसके अलावा राज्य के 11 जिलों पटना, नालंदा, गया,जहानाबाद, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, भागलपुर, शेखपुरा और बांका में 50-70 प्रतिशत धान की रोपनी की गयी है. राज्य के मात्र दो जिलों नवादा तथा मुंगेर में 50 प्रतिशत से कम धान की रोपनी हो पायी है.
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