पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बैंकों से कहा कि प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में बैंक शाखा खोली जानी चाहिए. राज्य सरकार इस काम में उनकी सहायता करेगी. नीतीश कुमार ने यहां राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 69वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक शाखाओं की संख्या बढ़ाईये. बिहार की हर ग्राम पंचायत में बैंक शाखा खोलें. इसके लिये पंचायत सरकार भवन में जगह उपलब्ध कराई जा सकती है. इससे लोगों को काफी सुविधा होगी.
मुख्यमंत्रीने कहा कि बैंकों का ऋण जमा अनुपात का राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत है जबकि बिहार के मामले में यह 45 प्रतिशत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लोगों का बैंकों पर सबसे ज्यादा भरोसा है, वे अपने बचे हुए पैसों को बैंक में ही जमा करते हैं. बिहार के लोग ज्यादा कर्ज लेना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि बिहार की सीमाएं चारों तरफ से घिरी हुई हैं, ‘‘इसलिये हम लोगों ने हमेशा बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग की है.” नीतीश ने कहा कि यहां बड़े उद्योग नहीं लग पाते हैं, लेकिन यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्वोग की संभावना है. आप लोगों के सहयोग से इसमें गति आ सकती है.
सीएम ने कहाकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को अगर बैंकों का सहयोग मिला तो बिहार का और ज्यादा विकास होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए औद्योगिक संवधन नीति के माध्यम से सहायता कर रही है. नीतीश ने कहा कि बिहार की विकास दर 11.3 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से एवं देश के अन्य राज्यों से अधिक है. उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. यहां के लोगों का व्यापार बढ़ा है, हर जगह दुकानें खुली हैं, पटना के अलावा राज्य के छोटे शहरों में भी सभी तरह के सामानों की बिक्री हो रही है.
नीतीश ने कहा कि यहां की आबादी अधिक है जिसके कारण लोगों का प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये से कम है. उन्होंने कहा कि बिहार के पिछड़ेपन और गरीबी को दूर करने में बैंकिंग तंत्र की बड़ी भूमिका हो सकती है. नीतीश ने कहा कि विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य के 6 जिलों और 44 प्रखंडों में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया जिसे जीविका नाम दिया गया और बाद में पूरे राज्य में इसे शुरू किया गया. अब तक साढ़े आठ लाख जीविका समूह का गठन हो चुका है जिससे एक करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं. हमारा 10 लाख जीविका समूह बनाने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि जीविका समूह से जुड़ने से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है, बैंकिंग संबंधी जानकारी बढ़ी है और अपने परिवार की आर्थिक सहायता भी कर रही हैं. नीतीश ने कहा कि सरकार अपनी तरफ से निगम बनाकर छात्रों को विद्यार्थी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से शिक्षा ऋण मुहैया करा रही है, लेकिन बैंकों को भी शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा बढ़ानी चाहिये. वर्ष 2018-19 के लिए 50 हजार छात्रों को शिक्षा ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 13,901 छात्रों को ही इसकी सुविधा मिल पायी.
नीतीश ने कहा कि जहां तक बैंकों को सुरक्षा उपलब्ध कराने का प्रश्न है उसमें कोई कमी नहीं रहेगी. अगर कोई बड़ी राशि लेकर जा रहे हैं तो इसकी सूचना थाने को भी अवश्य दें. उन्होंने कहा कि बिहार में पशु एवं मत्स्य पालन की काफी संभावनाएं हैं. इसमें अगर आपलोग कर्ज देंगे तो लोगों को काफी मदद मिलेगी. नीतीश ने कहा कि हाई स्कूल के बच्चों को बैंकिंग संबंधी, फाइनेंस संबंधी जो जानकारी देने का सुझाव आप लोगों ने दिया है उसके लिए शिक्षा विभाग काम करेगा.
कार्यक्रम को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर महेश कुमार जैन, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक एमके गोयल, एसबीआई के प्रबंध निदेशक पीके गुप्ता ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, उद्योग मंत्री श्याम रजक, सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.