पटना : पटना हाइकोर्ट ने पीएमसीएच में लंबे समय से पदस्थापित हड्डी रोग विशेषज्ञ सह प्राध्यापक के तबादले पर स्वास्थ्य विभाग से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि वह दो सप्ताह में विभाग के ट्रांसफर नीतियों को कोर्ट में स्पष्ट करे. न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने डॉ रंजीत कुमार सिंह की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
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डॉक्टर के तबादले पर कोर्ट का सरकार से जवाब तलब
पटना : पटना हाइकोर्ट ने पीएमसीएच में लंबे समय से पदस्थापित हड्डी रोग विशेषज्ञ सह प्राध्यापक के तबादले पर स्वास्थ्य विभाग से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि वह दो सप्ताह में विभाग के ट्रांसफर नीतियों को कोर्ट में स्पष्ट करे. न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने डॉ रंजीत कुमार […]
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि स्वास्थ्य महकमे ने अपनी ही बनायी हुई नीति व मेरिट की नीति से हटते हुए मनमाने तरीके से याचिकाकर्ता का तबादला दूसरे मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में कर दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
बिहार स्टेट बार काउंसिल के कार्यकलाप पर बीसीआइ ने मांगा जवाब : पटना हाइकोर्ट ने बिहार स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का कार्यकाल घटाये जाने को लेकर बार कौंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने याचिका में उठाये गये सभी मुद्दों पर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है.
इस संबंध में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मोहित शाह ने कहा कि बीसीआइ की ओर से शपथपत्र दायर करने के बाद ही कोई भी निर्देश दिया जा सकता है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने अदालत से कहा कि अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होता है. लेकिन, कार्यकाल घटा कर डेढ़ साल कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि बिहार स्टेट बार काउंसिल में अनेक अनुपयोगी कमेटियों का गठन कर दिया गया है. पहली बार बिहार स्टेट बार काउंसिल में पांच को-चेयरमैन बना दिये गये हैं. जबकि, को-चेयरमैन की कोई भी भूमिका स्टेट बार काउंसिल में नहीं है.
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