पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष बुधवार को एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से प्रभावित प्रदेश के 208 प्रभावित परिवारों के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया. पटना के1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में मुख्यमंत्री के समक्ष एईएस प्रभावित परिवारों के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया. जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बाला मुरुगन डी ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी.
बिहार में इस वर्ष गर्मी के मौसम में एईएस के 953 केस सामने आये जिनमें से 208 बच्चों ने इलाज के क्रम में दम तोड़ दिया. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को बिहार विधान परिषद में बताया था कि एईएस की वजह जानने के लिए कराये गये सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष उक्त सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.
मुजफ्फरपुर में एईएस से प्रभावित विशेष रूप से पांच प्रखंडों के 538 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया. बैठक में रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर जिले के एईएस प्रभावित पांच प्रखंडों के लिये एक प्रस्तावित कार्ययोजना के संबंध में भी जानकारी दी गयी. इसके तहत तीन माह के अंदर पांच वर्ष तक के सभी बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकन कराना एवं पीड़ित परिवारों को राशन कार्ड की उपलब्ध कराना है.
साथ ही 31 अगस्त तक शौचालय निर्माण, स्वयं सहायता समूह से जोड़कर सतत् जीविकोपार्जन योजना एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिलाना, हर घर नल- जल योजना एवं सभी लक्षित बच्चों का टीकाकरण कराना शामिल है. बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विकास आयुक्त सुभाष शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.