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बिहार में पहली बार पुलिसकर्मियों पर ऐसी कार्रवाई, तीन डीएसपी, 50 इंस्पेक्टरों समेत 66 पर एफआइआर, जानें पूरा मामला
पुलिस मुख्यालय ने कहा, दूसरे जिलों को भी ऐसी कार्रवाई करने का दिया गया है निर्देश पटना/वैशाली : कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने और अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है. ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों पर प्राथमिकी की पहली कार्रवाई वैशाली जिले में हुई है. डीजी टीम के […]
पुलिस मुख्यालय ने कहा, दूसरे जिलों को भी ऐसी कार्रवाई करने का दिया गया है निर्देश
पटना/वैशाली : कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने और अनुसंधान में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है. ड्यूटी में लापरवाही बरतने वालों पर प्राथमिकी की पहली कार्रवाई वैशाली जिले में हुई है.
डीजी टीम के कैंप करने के बाद वैशाली के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने तीन डीएसपी, 50 इंस्पेक्टर व 13 जमादारों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है. इन अधिकारियों ने ट्रांसफर होने के बाद भी लंबित कांडों का चार्ज नहीं दिया था. जिन तीन डीएसपी पर एफआइआर हुई है, उनमें एक डीएसपी नागेंद्र कुमार सीबीआइ में पोस्टेड हैं. अशोक प्रसाद पटना में डीएसपी हैं. पंकज रावत बेतिया में एसडीपीओ सदर हैं. पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि दूसरे जिलों को भी इस तरह की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के आदेश पर डीजी टीम वैशाली में आपराधिक घटनाओं, लंबित मामले आदि का रिव्यू करने के साथ ही लोगों से फीडबैक ले रही है. समीक्षा में बड़े स्तर पर मामले लंबित पाये गये हैं. एक माह पहले 15 जून को एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने भी नगर थाने में लंबित मामलों की समीक्षा की थी. इसमें दर्जनों मामले अनुसंधान के लिए इस कारण से लंबित मिले थे कि अनुसंधान पदाधिकारियों ने ट्रांसफर होने के बाद भी केस का
प्रभार दूसरे पदाधिकारी को नहीं दिया था. उस समय अधिकारियों को चेतावनी दी गयी थी.इसके बाद भी किसी ने केस नहीं सौंपे. पुलिस मुख्यालय के अफसरों का दौरा शुरू होते ही एसपी ने नगर थाने में इन 66 पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध भादवि की धारा 409 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश जारी कर दिया. रविवार की शाम नगर थानाध्यक्ष अंजनी कुमार ने एफआइआर दर्ज कर ली.
डीजी टीम के कैंप करने के बाद वैशाली के एसपी ने दर्ज करायी प्राथमिकी
इन डीएसपी पर हुई कार्रवाई
1. नागेंद्र कुमार: वर्तमान में सीबीआइ में पोस्टेड हैं
2. अशोक प्रसाद : अभी पटना में हैं डीएसपी
3. पंकज रावत : अभी बेतिया के हैं सदर एसडीपीओ
इन अफसरों पर कार्रवाई नहीं होती तो एसपी फंस जाते
डीजी टीम के कैंप करने के बाद तीन डीएसपी सहित 66 पुलिस पदाधिकारियों पर एक साथ एफआइआर ने फील्ड के आला अफसरों की पोल खोल दी है. एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि डीजीपी का निर्देश है कि लापरवाही बरतने वाले डीएसपी, थानेदारों पर एसपी कार्रवाई नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जायेगा. वैशाली से लौटने के बाद डीजी टीम को अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंपनी है. लंबित केसों के लिए अनुसंधान पदाधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती तो एसपी कार्रवाई की जद में आ जाते.
दोष साबित होने पर सेवा भी समाप्त होगी
जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर हुई है, प्रारंभिक जांच के बाद आरोपित पुलिस कर्मियों को जमानत भी लेनी पड़ सकती है और दोष साबित होने पर सेवा भी समाप्त हो सकती है. धारा 409 संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती है. इसमें दोषी को 10 साल तक की सजा और अर्थदंड दिया जा सकता है.
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