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मोकामा में बंद पड़ी भारत वैगन कंपनी की मशीनें नीलाम

मोकामा : मोकामा में बंद पड़ी भारत वैगन की मशीनें सवा पांच करोड़ में नीलाम हो गयी. कोलकाता की एक एजेंसी ने मशीनों की नीलामी ली है. इसके साथ ही कंपनी के दोबारा चालू होने की अटकलों पर विराम लग गया. हालांकि, कंपनी प्रबंधन की मानें तो हरनौत कोच कारखाने का मोकामा में एक्सटेंसन होगा. […]

मोकामा : मोकामा में बंद पड़ी भारत वैगन की मशीनें सवा पांच करोड़ में नीलाम हो गयी. कोलकाता की एक एजेंसी ने मशीनों की नीलामी ली है. इसके साथ ही कंपनी के दोबारा चालू होने की अटकलों पर विराम लग गया.
हालांकि, कंपनी प्रबंधन की मानें तो हरनौत कोच कारखाने का मोकामा में एक्सटेंसन होगा. वहीं, मेमू ट्रेन की बोगियों की रिपेयरिंग का काम शुरू किया जायेगा. इसके लिए नये उपकरण लगाने की तैयारी चल रही है. नीलामी लेने वाली कंपनी को पुराने उपकरणों को जल्द हटाने का निर्देश दिया गया है. इधर, मजदूर यूनियन का कहना है कि स्थानीय विरोध को रोकने के लिए कोच मरम्मत शुरू करने की बात कही जा रही है. बाद में कारखाने की जमीन की भी नीलामी करायी जायेगी. नीलाम हुई मशीनें चालू हालत में हैं.
कंपनी के तकरीबन 300 कामगारों की भी छंटनी कर दी गयी. फिलहाल कंपनी में आठ कामगार योगदान दे रहे हैं. ऐसे में कंपनी के चालू होने की संभावना काफी कम है. बताया जा रहा है कि स्क्रैप की कीमत पर मशीनों के साथ कच्चे माल की भी बोली पिछले वर्ष लगायी गयी थी. अब सभी मशीनों को खोलकर कोलकाता भेजा जा रहा है. कंपनी की मशीनों को बाहर भेजे जाने पर स्थानीय लोगों में नाराजगी है. स्थानीय पुलिस व प्रशासन हस्तक्षेप कर लोगों को कारखाने के पुनर्जीवित होने का आश्वासन दिया है.
इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ रामसागर सिंह ने कहा कि भारत वैगन कंपनी की मोकामा इकाई की रिमॉडलिंग की जायेगी. कोच मरम्मत का काम शुरू करने की दिशा में सरकार काम कर रही है. रेल अधिकारियों की टीम कोच मरम्मत शुरू करने को लेकर इस इकाई का तीन चार बार जायजा ले चुकी है.
भारत वैगन मोकामा के प्रभारी जीएम ने जानकारी दी कि केवल कंपनी की खराब व बेकार पड़ी मशीनों का आक्सन हुआ है. इस इकाई में रिपेयरिंग वर्क शुरू होने की संभावना है.
उदय शंकर मिश्र, प्रभारी जीएम, भारत वैगन मोकामा
देश भर में मशहूर थी मोकामा इकाई
भारत वैगन कंपनी की मोकामा इकाई मालगाड़ी की बोगी निर्माण के क्षेत्र में देश भर में मशहूर थी. यहां अव्वल दर्जे का बोगी निर्माण किया जाता था, लेकिन मजदूर यूनियन की गुटबाजी से इस इकाई का काम धीमा पड़ गया. बोगियों के निर्माण में लेबर कॉस्ट काफी बढ़ गयी, इसको लेकर मोकामा इकाई बंदी के कगार पर पहुंच गयी. मोकामा में मालगाड़ी निर्माण के लिए 1962 में कारखाना स्थापित हुआ था.
1978 में ब्रिटेनिया इंजीनियरिंग कंपनी ने इस इकाई का अधिग्रहण किया. इससे बोगी निर्माण का काम और ही रफ्तार पकड़ ली थी. 1986 में भारी उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के अधीन यह इकाई चली गयी, लेकिन वर्ष 2000 में मालगाड़ी की बोगी निर्माण के क्षेत्र में निजी कंपनियां कूद गयीं. इसको लेकर प्रतिस्पर्धा की दौड़ शुरू हो गयी. वहीं घाटे में चलने को लेकर भारत वैगन की मोकामा इकाई में काम ठप पड़ गया था. वर्ष 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने मोकामा भारत वैगन इकाई को रेल मंत्रालय में अंडरटेकिंग किया था.
मोकामा स्थित भारत वैगन रेलवे बोर्ड के निर्देश पर बंद हो गया है. भारत वैगन के हिसाब का लेखा-जोखा कर लिया गया है. अब भूखंड के उपयोग को लेकर योजना बनायी जा रही है.
राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल

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