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पटना : तीसरे चरण में पांच सीटों पर होंगे चुनाव, शरद, पप्पू व मुकेश की किस्मत का होगा फैसला
पटना : तीसरे चरण में जिन पांच सीटों पर चुनाव होना हैं, वहां प्रचार जोर पकड़ने लगा है. 23 अप्रैल को यहां मतदान होना है. तीसरे चरण की पांच लोकसभा सीटों में राजद और जदयू ने तीन-तीन तथा कांग्रेस, भाजपा व वीआइपी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है. तीसरे चरण में तीन बड़े नेताओं […]
पटना : तीसरे चरण में जिन पांच सीटों पर चुनाव होना हैं, वहां प्रचार जोर पकड़ने लगा है. 23 अप्रैल को यहां मतदान होना है. तीसरे चरण की पांच लोकसभा सीटों में राजद और जदयू ने तीन-तीन तथा कांग्रेस, भाजपा व वीआइपी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है.
तीसरे चरण में तीन बड़े नेताओं की किस्मत के साथ-साथ उनके राजनीतिक वजूद का भी फैसला होगा. जिन पांच सीटों पर चुनाव हो रहा है उसमें राजद के दो तथा कांग्रेस, लोजपा और भाजपा का एक-एक सीट पर कब्जा है. तीसरे चरण में शरद यादव के अलावा राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और सन ऑफ मल्लाह के उपनाम से विख्यात मुकेश सहनी भी मैदान में हैं. मधेपुरा सीट पर तीन-तीन यादव दिग्गजों की टक्कर है.
राजनीतिक हलकों में एक बड़ा पुराना नारा है रोम पोप का मधेपुरा गोप का. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में ही मंडल मसीहा बीपी मंडल का गांव मुरहो भी है. समाजवादी मिजाज वाले इस क्षेत्र में पूरी तरह से जातीय रंग चढ़ा हुआ है. महागठबंधन से राजद ने देश के बड़े नेताओं में शुमार शरद यादव को टिकट दिया है. एनडीए से जदयू ने दिनेश चंद्र यादव कै मैदान में उतारा है. मधेपुरा सीट के निवर्तमान सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव इस बार जापलो से मैदान में हैं.
पिछली बार वे राजद के टिकट पर जीते थे. चुनाव में सारे मुद्दे गौण हैं, बस तीन दिग्गज यादव के राजनीतिक वजूद की लड़ाई है. मिथिलांचल की झंझारपुर सीट पर राजद के गुलाब यादव और जदयू के आरपी मंडल के बीच सीधी भिड़ंत है. पिछले दो चुनाव में अररिया सीट पर भाजपा हार गयी थी. अभी राजद का इस सीट पर कब्जा है.
सीमांचल के गांधी के नाम से विख्यात तस्लीमउद्दीन के बेटे सरफराज फिर मैदान में हैं. उनके ऊपर पिता के राजनीतिक विरासत बचाने का दारोमादार है तो भाजपा के प्रदीप सिंह अपनी खोई जमीन को फिर से पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.
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