पटना : पटना जिले में चुनाव का असर सरकारी जरूरी योजनाओं पर भी पड़ने वाला है. चुनाव के कारण पहले ही जिले को ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त करने का काम धीमा हुआ है. मार्च के अंत तक पूरे जिले को ओडीएफ करने की संभावना नहीं दिख रही है. दो माह पहले शौचालय निर्माण को लेकर जितना डाटा था, वर्तमान में उसमें खास वृद्धि नहीं हुई है. वहीं दूसरी तरफ अब इनका असर हर घर नल-जल और पक्की नली गयी योजना पर भी पड़ने वाली है. क्योंकि जिले में अंतिम चरण में चुनाव होने के कारण अभी से जिले के अधिकारी इस कार्य में लगे हुए हैं और मतगणना के बाद ही उनको इन कार्यों से मुक्ति मिलेगी.
अभी अधूरा है काम : जिले में सरकार की ओर से चलाये जा रहे सात निश्चय योजना में सबसे खराब हाल हर घर नल-जल का है. बीते दो वर्षों में जिला प्रशासन की ओर से मात्र 24.69 फीसदी घरों तक ही हर घर नल-जल का लाभ पहुंचा जा सका है. जबकि शेष 75 फीसदी के लगभग घरों को अभी भी सरकार की ओर से दिये जा रहे शुद्ध जल की सुविधा का इंतजार है. वर्ष 2018 बीतने के बाद भी वर्तमान समय में हालत ऐसे हैं कि अब मात्र 616 वार्डों में ही काम पूरा किया जा सका है.
इसमें 1878 वार्डों में काम पूरे नहीं हो सके, जबकि 1096 वार्डों में काम शुरू भी नहीं हुआ है. जिले में पक्की नली-गली योजना का हाल भी बेहतर नहीं है. जिले में 3483 वार्डों में मात्र 1728 वार्डों में पक्की नली गली का काम किया गया है. अब तक कुल 49.16 फीसदी ही काम हुआ है. बीते दो वर्षों में 929 वार्डों में काम शुरू भी नहीं हुआ है.