पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सेंट्रल हॉल की खासियत बखान करते हुए कहा कि यहां लोग खुले मन से बैठते हैं. यहां बैठने वाले झूठ नहीं बोलते हैं. एक-दूसरे को दिल की बात बताते हैं. सभी अंदर की बात बताते हैं.
अंदर की बात जानने का यह माध्यम है. इसी बीच खाना-पीना भी चलता रहता है. नयी दिल्ली स्थित संसद भवन के सेंट्रल हॉल का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि कभी-कभी संसद के अंदर बहुत ज्यादा टकराव हो जाता है, लेकिन सेंट्रल हॉल आकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं. एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए सभी एक साथ बैठते हैं.
मजाकिया लहजे में एमएलए और एमएलसी को कहा कि यहां बैठियेगा, तो झगड़ियेगा नहीं. आपस में बातचीत करना और खाना-पीना आनंदायक होता है. यहां सभी प्रेम से मिलें और समोसा खाएं. इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं, यहां आकर बैठें. विधानसभा अध्यक्ष की इच्छा है कि यहां इडली और उत्पम भी मिले. यह भी जल्द मिलेंगे.
जल्द शुरू होगी लाइब्रेरी : सीएम ने कहा कि इस सेंट्रल हॉल में जल्द ही लाइब्रेरी की सुविधा भी शुरू हो जायेगी. इसमें सदस्य और पूर्व सदस्य दोनों अध्ययन कर सकते हैं. विधानसभा और विधान परिषद के पुस्तकालय से ज्यादा यहां किताबें रहेंगी.
कभी-कभी किसी मुद्दे पर दोनों सदनों की बैठकें यहां संयुक्त रूप से होंगी. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और विप के कार्यकारी सभापति से कहा कि वे यहां इसी सत्र से बैठना शुरू कर दें, ताकि लोगों का यहां आना-जाना शुरू हो जाये. उन्होंने कहा कि जिनकी उम्र ज्यादा है, उनके लिए लिफ्ट और एलीवेटर भी लगाये गये हैं. यहां की लिफ्ट फंसेगी नहीं, ज्यादा वजन होने पर वह वापस नीचे चली जायेगी. वैसे 13 लोग इसमें जा सकते हैं.
पार्लियामेंट की तरह ही लगाये गये हैं फर्नीचर
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के फर्नीचर ठीक पार्लियामेंट की तरह बनाये गये हैं. फर्नीचर बनाने में काफी ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों से यहां पहुंचने में 20 मिनट से ज्यादा समय नहीं लगेगा. दोनों तरफ से यह जुड़ा हुआ है. वर्ष 2007-08 में इसके निर्माण का निर्णय लिया गया था. 26 जनवरी, 2010 को शिलान्यास हुआ था. कई कारणों से निर्माण में थोड़ा समय लग गया, लेकिन खासियत के हिसाब से यह अनूठा है.
विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल को बाधित नहीं करें
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानमंडल के सेंट्रल हॉल के उद्घाटन के मौके पर कहा कि विधानमंडल सत्र के दौरान विपक्षी सदस्य राज्यपाल के अभिभाषण और प्रश्नकाल को बाधित नहीं करें. विपक्षी सदस्यों के लिए सरकार को घेरने का सबसे बेहतर मौका प्रश्नकाल ही होता है. प्रश्नकाल को बाधित कर विपक्ष सरकार का नहीं, जनता का अहित करता है.
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन चलने के दौरान कम संख्या में विधायक दिखते हैं, यह दुखद है. अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर संसदीय कार्य में योगदान करें. उन्होंने कहा कि इस सेंट्रल हॉल का उद्घाटन होने से बिहार की विधायिका में नया इतिहास जुड़ गया है. इसका निर्माण भव्य तरीके से किया गया है. देश के अन्य राज्यों में इस तरह का सेंट्रल हॉल नहीं है.