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पटना : वाणिज्य कर विभाग की तरफ से जारी टैक्स संग्रह की अपडेट स्थिति का खुलासा

पटना : जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती दिनों में वाणिज्य कर विभाग को टैक्स संग्रह में काफी समस्या आ रही थी और टैक्स संग्रह तेजी से गिर रहा था. लेकिन, अब यह स्थिति सुधर गयी है. टैक्स संग्रह में गिरावट (शॉर्ट फॉल) 52 फीसदी से घटकर 21 फीसदी हो गयी है. केंद्र की तरफ […]

पटना : जीएसटी लागू होने के बाद शुरुआती दिनों में वाणिज्य कर विभाग को टैक्स संग्रह में काफी समस्या आ रही थी और टैक्स संग्रह तेजी से गिर रहा था. लेकिन, अब यह स्थिति सुधर गयी है. टैक्स संग्रह में गिरावट (शॉर्ट फॉल) 52 फीसदी से घटकर 21 फीसदी हो गयी है. केंद्र की तरफ से निर्धारित प्रति महीने एक हजार 558 करोड़ के टैक्स संग्रह में जितनी की कमी आती है, उसे ही टैक्स में शॉर्ट फॉल समझा जाता हैं. बचे हुए टैक्स की क्षति-पूर्ति केंद्र सरकार के स्तर से की जाती है.
वर्तमान में महज 21 फीसदी का शॉर्ट फॉल दर्ज किया जा रहा है. यह जानकारी सोमवार को वाणिज्य कर विभाग की सचिव प्रतिमा एस वर्मा ने सूचना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी. उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 27 हजार करोड़ रुपये टैक्स संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अब तक 15 हजार 268 करोड़ रुपये संग्रह हो चुके है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के टैक्स संग्रह से 35.80 प्रतिशत ज्यादा है. इसमें सिर्फ नवंबर तक के लक्ष्य संग्रह की बात करें, तो प्राप्त टैक्स 15 हजार 268 करोड़ लक्ष्य का 99 फीसदी है.
सभी डीलरों का 360 डिग्री प्रोफाइल तैयार
सचिव ने कहा कि जीएसटी के बाद से टैक्स बेस में बढ़ोतरी हो रही है. इसका प्रमुख कारण टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों पर सख्त कार्रवाई करना भी है.
अब तक वाहन और संस्थान निरीक्षण के 568 मामले किये जा चुके हैं. इसमें 13 करोड़ का जुर्माना संबंधित संस्थानों पर किया जा चुका है, जिसमें नौ करोड़ की वसूली हो चुकी है. उन्होंने बताया कि जिला से लेकर मुख्यालय स्तर के सभी कार्यालयों को ऑनलाइन हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ा जा चुका है. ताकि जीएसटी की सशक्त मॉनीटरिंग की जा सके.
सभी डीलरों का 360 डिग्री प्रोफाइल तैयार करके रखा जा रहा है, जिससे किसी भी तरह की गड़बड़ी पर हमेशा नजर रखी जा सके. उन्होंने बताया कि बाहर से सामान आने से संबंधित अब तक 89 हजार करोड़ रुपये के 38 लाख परमिट जारी किये जा चुके हैं. इसी तरह 13 हजार करोड़ के तीन लाख रोड परमिट ऐसे जारी किये गये हैं, जिनके आधार पर माल बाहर भेजे जा चुके हैं.
तीन लाख से ज्यादा व्यापारी हैं निबंधित
प्रतिमा एस वर्मा ने बताया कि राज्य में जीएसटी के अंतर्गत निबंधित व्यापारियों की संख्या तीन लाख 80 हजार 838 है. जबकि, वैट में निबंधित व्यापारियों की संख्या एक लाख 66 हजार 925 थी. राज्य में पांच हजार निबंधित डीडीओ ऐसे हैं, जो टैक्स की कटौती करते हैं. इसमें तीन हजार 840 का अब तक निबंधन हो चुका है.

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