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पटना : भवन निर्माण विभाग की बहाली में ठगी का धंधा, एक गिरफ्तार, गिरोह में दो दर्जन लोग
पटना : बिहार में नौकरी को लेकर बहाली की चर्चा शुरू होते ही ठगों का गिरोह भी सक्रिय हाे जाता है. ऐसे ही ठगों के गिरोह के सरगना मनु प्रसाद को पटना पुलिस की टीम ने नालंदा कतरीसराय से गिरफ्तार कर लिया. यह गिरोह भवन निर्माण विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर की बहाली के लिए उम्मीदवारों […]
पटना : बिहार में नौकरी को लेकर बहाली की चर्चा शुरू होते ही ठगों का गिरोह भी सक्रिय हाे जाता है. ऐसे ही ठगों के गिरोह के सरगना मनु प्रसाद को पटना पुलिस की टीम ने नालंदा कतरीसराय से गिरफ्तार कर लिया.
यह गिरोह भवन निर्माण विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर की बहाली के लिए उम्मीदवारों को अपने जाल में फंसा रहा था. मनु प्रसाद के गिरोह में दो दर्जन सदस्य हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.
सरगना मनु के पास से 15 मोबाइल फोन व कई सिम कार्ड बरामद किये गये हैं. असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर बहाली कराने का दावा कर गिरोह उम्मीदवारों से लाखों रुपये वसूल रहा था. इस बात की जानकारी भवन निर्माण विभाग को हुई. विभाग ने जालसाजों के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में एक सप्ताह पहले प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरोह के सरगना मनु प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके पास से सरकारी विभाग के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं जिसका अध्ययन किया जा रहा है. फिलहाल बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर (सिविल) की बहाली प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए उम्मीदवारों की काउंसेलिंग चल रही है. इसी काउंसेलिंग में ठगों का एक गिरोह उन उम्मीदवारों को अपने टारगेट में ले रहा था जिन्होंने काउंसेलिंग पास कर ली थी. गिरोह के सदस्य उम्मीदवारों को फोन कर आठ हजार से लेकर 60 हजार रुपये बहाली के नाम पर ले रहे थे.
कई तरीकों से ठगी
यह गिरोह ठगी के कई तरीकों को अपनाकर गोरखधंधा करते हैं. गिरोह में दो दर्जन से अधिक सदस्य शामिल हैं जो बैंक अधिकारी बन पिन कोड जानकर, लॉटरी का प्रलोभन देकर आदि तरीकों से भी ठगी करते हैं. लेकिन, जैसे कोई सरकारी नौकरी या फिर परीक्षा का मामला सामने आता है तो ठगी करने के लिए उम्मीदवारों को निशाना बनाना शुरू कर देते हैं.
डाटा जालसाजों के पास कैसे
बिहार बोर्ड में टीईटी में पास कराने के नाम पर भी कई लोगों को जालसाजों ने फोन किया था और पैसे वसूले थे. ये जालसाज भी इसी तरह काम करते हैं. पुलिस यह पता करने में जुटी है कि भवन निर्माण विभाग के पास रहे उम्मीदवारों के डाटा जालसाजों तक कैसे पहुंचे. एसएसपी का भी मानना है कि बिना संबंधित विभाग के उम्मीदवारों का डाटा जालसाजों तक नहीं पहुंच सकता है. विभाग का कौन सा कर्मचारी मिला हुआ है उनकी जानकारी लेने में पुलिस जुट गयी है.
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