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पटना : निगम नहीं ले सका स्वच्छता सेस की राशि
418 वार्डों में मिलेगा अगले साल जून तक आयरनमुक्त पानी पटना : अगले साल जून तक सहरसा व सुपौल जिले के ग्रामीण इलाके के 418 वार्डों में लोगों को आयरन मुक्त पानी मिलेगा. दोनों जिले के 31 पंचायतों में मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर लोगों के घरों तक […]
418 वार्डों में मिलेगा अगले साल जून तक आयरनमुक्त पानी
पटना : अगले साल जून तक सहरसा व सुपौल जिले के ग्रामीण इलाके के 418 वार्डों में लोगों को आयरन मुक्त पानी मिलेगा. दोनों जिले के 31 पंचायतों में मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर लोगों के घरों तक स्वच्छ पानी पहुंचाने का काम होगा. योजना के तहत पाइप से घरों में पानी पहुंचाया जायेगा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग जलापूर्ति योजना के तहत काम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. योजना में काम करनेवाली एजेंसी को घरों तक पानी पहुंचाने के साथ पांच साल तक उसका संचालन व मेंटेनेंस करना होगा. जलापूर्ति योजना के तहत काम पर लगभग 177 करोड़ खर्च होंगे.
सहरसा व सुपौल जिले में कई इलाके में पानी में आयरन की मात्रा अधिक होती है. मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत सहरसा जिले के प्रखंड सिमरी बख्तियारपुर, सौर बाजार, महिषी, नवहट्टा, सोनबरसा के 11 पंचायतों में जलापूर्ति योजना पर काम होना है.
सुपौल जिले के प्रखंड छातापुर, किशनपुर, मरौना, पिपरा, प्रतापगंज, राघोपुर, सुपौल व त्रिवेणीगंज के 20 पंचायतों में घरों में स्वच्छ पानी पहुंचेगा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जलापूर्ति योजना पर काम शुरू करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके लिए ई-टेंडर जारी हुआ है. 13 सितंबर तक काम करनेवाली इच्छुक एजेंसी टेंडर में शामिल हो सकती है. इससे पहले चार सितंबर को प्री बिड मीटिंग होगी. 14 सितंबर को टेंडर में शामिल एजेंसियों के टेक्निकल बिड खुलेगा. इसमें सफल एजेंसियों को फिनांशियल बिड में बुलाया जायेगा.
छह से नौ माह में पूरा होगा काम
टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने पर सफल एजेंसियों को छह से नौ माह में काम पूरा करना होगा. एजेंसियों को आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर पाइप से घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाना है. इसके बाद एजेंसी को पांच साल तक उसका संचालन के साथ मेंटेनेंस करना होगा. विभागीय सूत्र ने बताया कि डेढ़ से दो माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. योजना पर लगभग 177 करोड़ खर्च होंगे.
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