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पटना : आधे से अधिक प्रोजेक्ट अब भी अनिबंधित
पटना : एक अनुमान के मुताबिक सूबे में एक हजार से अधिक रियल इस्टेट के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. लेकिन, पिछले डेढ़ साल में महज आधे से अधिक प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन ही हो सका है. ये रजिस्ट्रेशन भी नये रेरा अध्यक्ष व सदस्यों की सख्ती के बाद बीते पांच महीने में हुए. अथॉरिटी ने बगैर […]
पटना : एक अनुमान के मुताबिक सूबे में एक हजार से अधिक रियल इस्टेट के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. लेकिन, पिछले डेढ़ साल में महज आधे से अधिक प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन ही हो सका है. ये रजिस्ट्रेशन भी नये रेरा अध्यक्ष व सदस्यों की सख्ती के बाद बीते पांच महीने में हुए. अथॉरिटी ने बगैर निबंधन प्रोजेक्ट चला रहे 200 से अधिक प्रोजेक्ट व इसके संचालकों को नोटिस देकर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है. रेरा निबंधन की संख्या बढ़ाने के लिए अब तक चार बार जुर्माने की राशि बढ़ायी जा चुकी है.
वर्तमान में चालू प्रोजेक्ट का रेरा रजिस्ट्रेशन कराने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क का चार गुणा या चार लाख रुपये की राशि जुर्माना के तौर पर ली जाती है. रेरा अथॉरिटी ने नगर विकास एवं आवास विभाग से चालू प्रोजेक्ट की जानकारी लेने के साथ ही अपने स्तर पर निजी एजेंसी के माध्यम से भी रियल इस्टेट प्रोजेक्ट के सर्वे का निर्णय लिया है. इस निर्णय से गैर पेशेवर बिल्डरों पर लगाम लगेगी, जबकि पेशेवर बिल्डर पारदर्शिता के साथ ग्राहकों को बेहतर प्रोजेक्ट दे सकेंगे. अशक्त होने की वजह से रेरा की कार्रवाई पटना शहर या जिले तक ही सीमित होती थी. लेकिन, अब धीरे-धीरे इसका दायरा दूसरे जिलों में भी बढ़ रहा है. हाल ही में अथॉरिटी ने छपरा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, आरा, रोहतास आदि जिलों में चल रहे प्रोजेक्टों को भी नोटिस देकर अपनी मंशा साफ कर दी है. पिछले महीने तक 25 जिलों से रजिस्ट्रेशन के लिए एक भी आवेदन नहीं मिला था.
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