पटना : कर्मचारी चयन आयोग(एसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा दो चरणों में अगस्त, 2017 और फरवरी, 2018 में ऑनलाइन आयोजित हुई थी. इसका प्रश्नपत्र नोएडा में लीक हो गया था.
इस मामले में एसएससी के अध्यक्ष ने सीबीआई को चार मार्च, 2018 को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच कराने के लिए कहा था. सीबीआई ने इस मामले में 22 मई को एफआईआर दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
इसी क्रम में बुधवार को दिल्ली, नोएडा, मुंबई, चेन्नई, शिमला, जयपुर और बिहार में पटना, जहानाबाद और पूर्णिया में एक साथ छापेमारी की गयी. इस मामले में दर्ज एफआईआर में 17 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है, जिनमें दो शंभु कुमार और पवन कुमार बिहार के हैं. शंभु जहानाबाद जिले के घोसी थाने के जैतपुर बाजार और पवन कुमार पूर्णिया जिले के मधुबनी मुर्गी फॉर्म का मूल निवासी है.
नामजदों में नोएडा की कुछ निजी कंपनियों के मालिक भी शामिल हैं. बिहार के जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, उनकी और उनसे जुड़े कुछ अन्य लोगों की तलाश में सीबीआई ने पटना में दो-तीन स्थानों पर छापेमारी की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पटना में सीबीआई को चार-पांच अन्य लोगों की तलाश थी, जिन्होंने सेटिंग की थी या पेपर बेचा था. पहले से नामजद दोनों अभियुक्तों शंभु और पवन ने भी पेपर खरीदा था और फिर इसे दूसरे लोगों को बेचा था. इस पूरे घोटाले में नोएडा की कुछ निजी सॉफ्टवेयर कंपनियों के भी नाम सामने आये हैं. इन कंपनियों के परीक्षा केंद्रों से कुछ परीक्षार्थियों ने स्क्रीन शॉट लेकर भी पेपर लीक किया था. इसमें करीब एक दर्जन छात्रों के नाम सामने आये हैं, जिनके मोबाइल से पेपर लीक हुआ था. इस मामले में बड़े स्तर पर मिलीभगत सामने आयी है. इस मामले में सीबीआई ने आईटी एक्ट तहत भी मामला दर्ज किया है.
