पटना : मोदी सरकार के खिलाफ चर्च द्वारा जारी किये गये फतवे पर केंद्रीयमंत्रीगिरिराजसिंहनेप्रतिक्रिया देते हुए कहाकि सभी क्रियाओं की प्रतिक्रिया होती है. हालांकि, मैं सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने वाला कोई कदम नहीं उठाऊंगा, लेकिन अगर चर्च लोगों से प्रार्थना करने के लिए कह सकता है ताकि मोदी की सरकार नहीं बने तो देश को सोचना होगा कि दूसरे धर्म के लोग भी ‘कीर्तन-पूजा’ करेंगे.
Every action has a reaction. I won't take a step that disrupts communal harmony. But if church asks people to pray so that Modi govt isn't formed, country will have to think that people from other religions will do 'kirtan pooja': Giriraj Singh on Archbishop's letter to priests pic.twitter.com/lyJw9cFdvp
— ANI (@ANI) May 22, 2018
गौर हो कि दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने सभी चर्च के पादरियों को एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें भारत की राजनीतिक स्थिति को अशांत बताया है. चर्च के इस चिट्ठी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कही.
इससे पहले चर्च के बयान पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रतिक्रियादेतेहुए कहा, भारत में सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और यह एक मात्र ऐसा देश है जहां पर मजहब के नाम पर भेदभाव नहीं होता है. आर्कबिशप के खत पर उन्होंने कहा, मैंने आर्कबिशप का कोई खत नहीं देखा है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि भारत उन देशों में से एक है जहां अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं और किसी को जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करने की अनुमति नहीं है.
I have not seen the letter, but I want to say India is one of those countries where minorities are safe & no one is allowed to discriminate on the basis of caste & religion: HM Rajnath Singh, on Archbishop's letter to priests asking to "pray for country" ahead of 2019 elections. pic.twitter.com/JhsZCGVGIB
— ANI (@ANI) May 22, 2018
बता दें कि दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने प्रदेश के सभी चर्च के सभी पादरियों को खत लिखकर भारत की राजनीतिक स्थिति को अशांत बताया था. उन्होंने लिखा था कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी चर्च के पादरियों को प्रार्थना करनी चाहिए और हर शुक्रवार को उपवास करने की अपील की थी. अपनी चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, मौजूदा अशांत राजनीतिक माहौल संविधान में निहित हमारे लोकतांत्रित सिद्धांतों और हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए खतरा बन गया है.