पटना : कर्नाटक चुनाव में भाजपा का सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना राजद को असहज कर रहा है. नेता विरोधी दल तेजस्वी प्रसाद यादव ने कर्नाटक में कमल अधिक खिलने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा को रोकने के लिए यूपीए के सभी घटक दलों को लालूजी द्वारा बिहार में 2015 में अपनाये गये फाॅर्मूले को अपनाना होगा. यदि ऐसा नहीं किया गया तो भाजपा पूरे देश में संघ के प्रोपगंडा को लागू करने में सफल हो जायेगी.
कर्नाटक में भाजपा को सबसे अधिक सीट मिलना यूपीए के लिए खतरे की घंटी है. कांग्रेस और सभी क्षेत्रीय दलों को अपनी रणनीति पर विचार करना होगा. भाजपा जैसी संघ प्रोपेगंडा वाली पार्टी को हराने के लिए लालू जी ने 2015 बिहार में जो रणनीति अपनायी थी वह कारगर है.
राजद ने कांग्रेस-जदयू को साथ लेकर भाजपा को बिहार से उखाड़ दिया था. महागठबंधन का यह प्रयोग पूरी तरह सफल और चर्चित रहा था. कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चलना ही होगा. यूपीए की जीत के लिए जरूरी है कि बड़े घटक दल क्षेत्रीय मुद्दों और दलों की भावनाओं को तरजीह दें.
ईवीएम के सिर फोड़ा कांग्रेस की हार का ठीकरा
राजद ने भाजपा को अधिक सीट मिलने के लिए ईवीएम को दोषी ठहराया है. राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह का कहना है कि कर्नाटक के चुनाव नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत में ईवीएम से चुनाव होना लोकतंत्र के लिए खतरा है.
दुनिया के कई देश ईवीएम का प्रयोग बंद कर चुके हैं लेकिन भारत में कई राजनीतिक दलों के आग्रह के बाद भी ईवीएम का प्रयोग किया जा रहा है. जिस पार्टी की कहीं कोई झलक नहीं है वही जीत रही है. इससे ईवीएम को लेकर सवाल उठना लाजिमी है. सभी दलों को इसको लेकर सोचना चाहिए.
