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बिहार : बिना लाइसेंस की सज रहीं मीट मंडियां, जिम्मेदार आधा दर्जन विभाग मौन
पटना : शहर के आम और खास दोनों इलाकों में बिना लाइसेंस के मीट मंडिया रोज सज रही हैं. छोटे-छोटे स्लॉटर हाउस की शक्ल में सड़क पर सजी ये दुकानें खुलेआम चल रही है. जिनके चलते न केवल शहरी आबोहवा बल्कि शहर की छवि भी प्रभावित हो रही है. नगर निगम और जिला प्रशासन के […]
पटना : शहर के आम और खास दोनों इलाकों में बिना लाइसेंस के मीट मंडिया रोज सज रही हैं. छोटे-छोटे स्लॉटर हाउस की शक्ल में सड़क पर सजी ये दुकानें खुलेआम चल रही है. जिनके चलते न केवल शहरी आबोहवा बल्कि शहर की छवि भी प्रभावित हो रही है. नगर निगम और जिला प्रशासन के अफसर रोज उन्हीं इलाकों से गुजरते हैं, लेकिन इस ओर उनका ध्यान बिल्कुल नहीं है. हैरत में डालनेवाली बात यह है कि करीब आधा दर्जन सरकारी एजेंसियों को अवैध और असुरक्षित तरीके से पशु वध रोकने के कानूनी अधिकार हैं, लेकिन पटना शहर में ये एजेंसियां बिल्कुल चुप्पी साधे हुए हैं.
शहर में मांस की ये मंडियां स्कूलों, सब्जी मंडियों, पूजा स्थलों और अस्पतालों के पास हैं. बावजूद तमाम तरह के पशु रोजाना काटे जा रहे हैं. उनके लहू से खास इलाकों की नालियां लाल हैं. ये सब गंदगी से अटे हैं. बोरिंग रोड पर ताे जहां बकरे और दूसरे पशु-पक्षी काटे जा रहे हैं, उससे बीस कदम दूर सब्जी और दूध बेचे जा रहे हैं. खुलेआम मीट काटने से हरी सब्जियों पर संक्रमण की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.
चिंता की बात यह है कि प्रवेंशन ऑफ क्रूअल्टी टू एनिमल एक्ट 1960 के तहत अवैध तरीके से मांस की मंडी सजाना और पशुओं के प्रति हिंसा प्रतिबंधित है. यहां तक पशुओं का असंवेदनशील और किसी निर्जीव वस्तु की तरह परिवहन भी अपराध की श्रेणी में है, जबकि पटना में यह सब आम बात है. पशुओं के खिलाफ क्रूरता रोकने के लिए पशु चिकित्सा व कल्याण विभाग से लेकर नगर निगम तक को शक्तियां दी गयी हैं.
ये विभाग नहीं कर रहे अपनी शक्तियों का इस्तेमाल
प्रशासन : कार्यपालिक मजिस्ट्रेट ऐसे किसी भी व्यवसाय या गतिविधि को रोक सकता है जिससे न्यूसेंस पैदा हो सकता है. सीआरपीसी की धारा 144 के तहत भी उसे विशेष शक्तियां हैं.
पुलिस : भारतीय दंड संहिता की तहत धारा 428 और 429 के तहत पुलिस पशु हिंसा या अवैध कारोबार को रोकने में समर्थ है. पीसीए एक्ट के तहत भी पुलिस कार्रवाई करने में सक्षम है.
नगर निगम : इसके पास मांस की अवैध मंडियों और व्यवसाय को राेकने के असीमित अधिकार हैं, जैसे निगम बिना लाइसेंस के चल रही मांस की मंडी या दुकान को बंद करा सकता है. फुटपाथ से हटा सकता है. पशु वध के लिए विधि सम्मत स्लाॅटर हाउस पाबंद कर सकता है.
प्रदूषण नियंत्रण विभाग : पशुओं को खुलेआम काटे जाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. इस लिहाज से प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी अपने कानूनों का इस्तेमाल करने में सक्षम है.
इन इलाकों में खुलेआम काटे जा रहे मीट के लिए पशु : पॉश इलाकों में एक और व्यस्त सड़क बोरिंग रोड चौराहा. इस चौराहे के समीप ही तीन दर्जन से अधिक बिना लाइसेंस के मीट की दुकानें चल रही हैं.
इन इलाकों में लोगों को ज्यादा परेशानी
राजधानी के बोरिंग रोड चौराहा के अलावा राजापुर पुल, पुलिस लाइन तिराहा, राजा बाजार, स्टेशन रोड, राजेंद्र नगर पुल के नीचे, चितकोहरा गोलंबर, कंकड़बाग ऑटो स्टैंड के समीप, सैदपुल गोलंबर के समीप, सीपारा पुल के समीप, जगदेव पथ के समीप आदि इलाका है, जहां सड़क किनारे खुले में बकरा व मुर्गा काटे और बेचे जाते हैं.
खुले में मांस-मछली व मुर्गा दुकानों पर अभियान चला कर कार्रवाई की जाती है. लेकिन, दुबारा दुकानें सज जाती हैं. इसको लेकर एक टीम बनायी गयी है, जो सोमवार या मंगलवार से अभियान चला कर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.
शैलेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल
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