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इराक में मारे गये बिहार के पांच लोगों का शव लाया गया, मौत के साढ़े तीन वर्ष बाद अब अपनी जमीन हुई नसीब
पटना : पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर की चहलकदमी सोमवार शाम साढ़े सात बजे से ही बढ़नी शुरू हो गई थी. वहां नेताओं और समाजिक सरोकार रखने वाले लोगों का जमावड़ा होने लगा था. कवरेज के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार भी बड़ी संख्या में जुटे थे. लोग आपस में मोसुल की घटना […]
पटना : पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर की चहलकदमी सोमवार शाम साढ़े सात बजे से ही बढ़नी शुरू हो गई थी. वहां नेताओं और समाजिक सरोकार रखने वाले लोगों का जमावड़ा होने लगा था. कवरेज के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार भी बड़ी संख्या में जुटे थे.
लोग आपस में मोसुल की घटना और आईएसआईएस जैसे संगठनों के लड़ाकों की बर्बरता पर बात कर रहे थे. आठ बजे के बाद जब विमान नहीं पहुंचा तो आपसी चर्चा और भी तेज हो गई. लेकिन जैसे ही शवों को लेकर विशेष विमान लैंड हुआ, अचानक लोगों के जुबान पर खामोशी छा गई. कॉफीन ट्रॉली से उतार कर जब पुष्पांजलि स्थल पर रखा गया तो कई लोगों की आंखें भी नम हो गयीं.
इराक से सोमवार को विदेश राज्यमंत्री बीके सिंह के साथ वायुसेना के विशेष विमान से पटना पहुंचे पांच बिहारियों की हत्या साढ़े तीन वर्ष पहले 2014 में ही हो गयी थी, लेकिन उनको मिट्टी मंगलवार को नसीब होगी. इराक के एक कंस्ट्रक्शन कंंपनी में काम करने के लिए ये 2011 में वहां ठेकेदार के माध्यम से गये थे. आंखों में सपने थे पैसा कमा कर घर लौटने और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी करने की.
लेकिन तीन वर्षों के बाद ही ये 35 अन्य भारतीयों के साथ आईएसआईएस आतंकियों के हत्थे चढ़ गये. बंधक बनाने और सामूहिक कत्लेआम के बाद आईएसआईएस के लड़ाकों ने इनको मोसूल शहर के उत्तर पश्चिम में स्थित बदशू गांव के कब्र में दफना दिया. संयोग से सामूहिक कत्लेआम से पहले एक बंधक भारतीय भागने में सफल रहा और उसने इनके कत्लेआम की सूचना अन्य लोगों को दी.
बाद में तीन वर्ष की लंबी अवधि बीतने के बाद भी जब इनका पता नहीं लगा तो परिजनों ने दबाव बनाना शुरू किया. जुलाई 2017 में मामले की तप्तीश के लिए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इराक गये. अक्तूबर, 2017 में डीएनए सैंपल लिये गये और दिसंबर में कब्र से निकाल कर शवों के साथ उनकी मैचिंग शुरू हुई, जिससे मृतकों की पहचान हो सकी.
पटना एयरपोर्ट पर रात 9:32 बजे पहुंचा विमान
पटना एयरपोर्ट पर रात 8 बजे विमान के पहुंचने का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन निर्धारित समय से 1.32 घंटा की देरी से 9.32 में विशेष विमान पटना एयरपोर्ट पहुंची. विमान के देरी की शुरूआत अमृतसर से ही हो गई थी.
वहां विमान के रूकने का समय एक घंटा निर्धारित था, लेकिन एयरक्राप्ट कैरियर को बदलने के दौरान कॉफीन को एक विमान से दूसरे विमान में शिफ्ट करने में समय लगा. प्रेस कांफ्रेस के कारण भी देरी हुई. इसके कारण कोलकाता एयरपोर्ट पर 7.15 में विमान पहुंची. वहां से इसे खुलने का समय 8.15 पुनर्निर्धारित किया गया, लेकिन वहां से भी यह 30 मिनट देर से उड़ी, जिसकी वजह से पटना पहुचने में डेढ़ घंटे की देरी हुई.
पहले से सजे ट्रक थे खड़े
पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर में मोसूल से आने वाले पांच बिहारियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए पहले से पांच वाहन खड़े थे. मृतक के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए इन्हें गंदा के फूलों से भी सजाया गया था. पुष्पांजली स्थल से ट्रकों में लाद कर इन्हें सिवान स्थित इनके घरों को भेज दिया गया, जहां मंगलवार को इनका संस्कार होगा.
हरक्यूलस सी 130 से पटना पहुंचा
मोसुल से वायुसेना के बड़े विमान ग्लोबमास्टर सी 17 से विदेश राज्यमंत्री शवों को लेकर अमृतसर पहुंचे क्योंकि अमृतसर और मोसूल के बीच की दूरी चार हजार किमी है. अमृतसर से तुलनात्मक रूप में ग्लोब मास्टर के छोटे संस्करण हरक्यूलस सी 130 से बीके सिंह पहले कोलकाता और फिर पटना आये.
वीके सिंह बोले इतना अच्छा सम्मान कहीं नहीं
विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इतने अच्छे तरीके से सम्मान के लिए मुख्यमंत्री सहित बिहार सरकार की प्रशंसा की. उन्होंने बताया कि किस तरह 40 भारतीय आईएसआईएस आतंकियों के हाथों पकड़े गये, जिनमें से एक भाग कर निकल आया. उन्होंने बताया कि 27 पंजाब के, चार हिमाचल के, दो बंगाल के और पांच बिहार के मृतकों के शव आज उनके राज्य सरकारों को सौंप दिये गये. केंद्र सरकार ने इस मामले में पूरी मेहनत के साथ कोशिश की.
मुआवजे की मांग पर हो रहा विचार: मृतकों के मुआवजे की मांग पर वीके सिंह ने कहा कि कुछ मृतकों के परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस संबंध में मुलाकात की थी.
उनको आश्वासन दिया गया है कि विचार किया जायेगा. इस मौके पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी केएस द्विवेदी, श्रम संसाधन के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, आइजी एनएच खान, डीएम कुमार रवि व एसएसपी मनु महाराज भी मौजूद रहे. रिसीव करने सीवान के डीआरडीए निदेशक और अंचलाधिकारी पहुंचे थे.
मृतकों की सूची
1. संतोष कुमार सिंह, पिता-चंद्रमोहन सिंह, ग्राम-सहसराव टोला, थाना-असांव, सिवान
2. विद्याभूषण तिवारी, पिता-मधुसूदन तिवारी, ग्राम-सहसराव टोला, थाना-असांव, सिवान
3. अदालत सिंह, पिता-राम बहादुर सिंह, ग्राम – सिंसवा खुर्द, थाना-मैरवां, सिवान
4. धर्मेंद्र कुमार, पिता-राजेंद्र प्रसाद, ग्राम-मैरवां टोला, थाना-मैरवां, सिवान
5. सुनील कुमार कुशवाहा, पिता-रामायण कुशवाहा, सिंचाई कॉलोनी, थाना-मैरवां, सिवान
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