पटना : बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान जदयू नेता डॉ. अशोक चौधरी ने शक्ति सिंह गोहिल को बिहार का कांग्रेस प्रभारी बनाये जाने पर बड़ी और कड़ी प्रतिक्रिया दी. अशोक चौधरी ने कहा कि कांग्रेस नेता सीपी चौधरी बिहार कांग्रेस को अपने घर से चलाना चाहते थे. बिहार कांग्रेस में अब कुछ बचा हुआ नहीं है. मैंने पहले ही कह दिया था कि बिहार कांग्रेस का कुछ होने वाला नहीं है. पार्टी के लोगों ने फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी बाहर से प्रभारी के रूप में नेताओं को लाती है, लेकिन समय रहते यदि यह निर्णय लिया गया होता, तो स्थिति कुछ और होती.
उन्होंने अपने पुराने दर्द को शेयर करते हुए कहा कि मैंने छह महीने तक प्रभारी बदलने की मांग की थी, उसे पूरा नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि यह बिहार में डैमेज कंट्रोल भी साबित नहीं होगा. कोई भी संगठन प्रेम, सद्भाव के अलावा ईर्ष्या और मनमानी से नहीं चल सकती है. आपको कार्यकर्ता प्रो संगठन बनाना ही होगा. जबतक ऐसा नहीं होगा, उसका हश्र बिहार कांग्रेस की तरह ही होगा. यहां के लोग ईर्ष्या से खबर चलाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि यह कैसे साबित होंगे. उन्हें, तो उनसे नमस्ते और प्रणाम भी नहीं है.
राहुल गांधी ने संगठन में फेरबदल करते हुए शक्ति सिंह गोहिल को बिहार का प्रभारी नियुक्त किया है. शक्ति सिंह गोहिल का पूरा नाम शक्ति सिंह हरिश्चंद्र सिंह गोहित है. उनका जन्म चार अप्रैल, 1960 को मुंबई के भावनगर जिले के लिम्डा में हुआ था. गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के पूर्व लिम्डा शाही परिवार के सदस्य अपने भाइयों में सबसे बड़े बेटे हैं. रसायन विज्ञान से स्नातक करने के बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई भी पढ़ी है. साथ ही कंप्यूटर और पत्रकारिता भी उन्होंने किया है. वर्ष 1986 में भावनगर जिले में युवा कांग्रेस में शामिल होकर शक्ति सिंह गोहिल ने राजनीति में कदम रखा था. वर्ष 1989 में उन्हें गुजरात युवा कांग्रेस का प्रदेश महासचिव बनाया गया. स्थानीय निकाय चुनाव में जीत हासिल करते हुए वह भावनगर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चुने गये.
वर्ष 1990 में उन्होंने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की सदस्यता ग्रहण की. वर्ष 1991 से लेकर 1995 तक वह कांग्रेस की सरकार में वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, तकनीकी शिक्षा एवं शिक्षा नीति के साथ-साथ सामान्य प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी संभाली. सौराष्ट्र क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूती में शक्ति सिंह का बड़ा योगदान रहा है. कांग्रेस के दो बार के कार्यकाल में वह वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह वर्ष 2007 से 2012 तक गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा शक्ति सिंह गोहिल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं. गुजरात के प्रतिष्ठित भावनगर राजघराने से ताल्लुक रखनेवाले शक्ति सिंह गोहिल को राजनीति विरासत में मिली है. शक्ति सिंह के दादा दरबार साहेब रणजीत सिंह भी कांग्रेस से जुड़े थे. उन्होंने गधदा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1967 में विधायक चुने गये थे.
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