नयी दिल्ली : चुनाव आयोग नेसुप्रीमकोर्ट में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ याचिका खारिज करने की मांग करते हुए इसे ‘‘विचार योग्य नहीं’ और ‘‘अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग’ करार दिया. विधान परिषद से नीतीश कुमार की सदस्यता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपने जवाब में आयोग ने कहा कि नागरिकों के किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है.
याचिका मेंनीतीश कुमार की सदस्यता इस आधार पर रद्द करने की मांग की गयी थी कि उन्होंने उनके खिलाफ लंबित एक आपराधिक मामले के बारे में जानकारी कथित रूप से छिपाई थी. अधिवक्ता अमित शर्मा के जरिये दायर हलफनामे में कहा गया कि इस अदालत के सामने वर्तमान रिट याचिका विचारणीय नहीं है क्योंकि रिट याचिका की सामग्री पढ़ने से और इसमें की गयी प्रार्थना से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि याचिकाकर्ता या इस देश के किसी नागरिक के किसी मौलिक अधिकार का किसी भी तरह से उल्लंघन नहीं हुआ. शीर्ष अदालत 19 मार्च को इस मामले में सुनवाई कर सकती है.
ये भी पढ़ें…सदन में भाषण के दौरान तेजस्वी ने सीएम नीतीश को कई बार टोका, तो मिला ये जवाब