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पटना में क्रिकेट मैच को लेकर जम कर सट्टेबाजी, जयपुर से जुड़े है तार, विदेशों तक जाते हैं पैसे

पटना : पटना में क्रिकेट मैच को लेकर जम कर सट्टेबाजी होती है. सट्टेबाज आलोक कुमार सिंह के पकड़े जाने के बाद पटना पुलिस को कई नयी जानकारियां हासिल हुई हैं. सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी के तार जयपुर से जुड़े हैं और वहीं से हैंडिल होता है. यहां तक की विदेशों से भी […]

पटना : पटना में क्रिकेट मैच को लेकर जम कर सट्टेबाजी होती है. सट्टेबाज आलोक कुमार सिंह के पकड़े जाने के बाद पटना पुलिस को कई नयी जानकारियां हासिल हुई हैं. सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी के तार जयपुर से जुड़े हैं और वहीं से हैंडिल होता है. यहां तक की विदेशों से भी सट्टेबाज जुड़े हैं और उन लोगों तक भी कमीशन पहुंचता है. सट्टेबाजों का एक पूरा नेटवर्क देश में काम कर रहा है और मुंबई के बाद अब जयपुर में सट्टेबाजी का केंद्र बन गया है. साथ ही पुलिस को यह भी जानकारी हासिल हुई है कि पटना में कई अन्य लोग भी इस धंधे से जुड़े हैं और सट्टेबाजी कराते हैं.
चाहे टेस्ट मैच हो या वन डे या आइपीएल के मैच सभी में ये सट्टेबाज सालों भर सक्रिय रहते हैं. पुलिस के समक्ष पटना के कुछ सट्टेबाजों के नाम सामने आये हैं और उनकी भूमिका के संबंध में सत्यापन किया जा रहा है. यह खेल कई दिनों से पटना में चल रहा था, लेकिन किसी को जानकारी नहीं थी. अगर स्वर्ण कारोबारी राजीव इस मामले में नहीं फंसता और सट्टेबाजी में उसके घर तक की रजिस्ट्री करने की नौबत नहीं आती, तो यह मामला दबा ही रहता. राजीव की सूचना पर आलोक को गिरफ्तार किया गया और पुलिस को कई जानकारियां हासिल हुईं. सूत्रों का कहना है कि इस मामले के अनुसंधान के लिए पटना पुलिस की एक टीम जयपुर भी जा सकती है.
सादिक का नाम आया है सामने : पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आयी है कि जयपुर का सादिक खान इस पूरे सट्टेबाजी का मास्टरमाइंड है. राजीव का सट्टेबाजी का शौक चढ़ा था और उसने ढाई माह में 12 लाख गंवा दिये. ऐसे अन्य कई लोग भी हैं, जो इन सट्टेबाजों के हाथों कंगाल हो चुके हैं. सट्टेबाजी मामले में दीघा के कंस्ट्रक्शन से जुड़े दो युवकों का भी नाम सामने आया है. अब इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी को मिली है.
पटना के कई क्षेत्रों में सट्टेबाजी होने की पुलिस को मिली है जानकारी
कैसे करते हैं सट्टेबाजी : गिरोह के सदस्य सट्टेबाजी में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट बनाते हैं और उनके नाम नोट्स में अंकित करते हैं.
सभी को निश्चित स्थान पर बुलाया जाता है. जिस जगह पर बुलाया जाता है, वहां खाने-पीने से लेकर टीवी की व्यवस्था रहती है. आइपीएल मैच हो या कोई अन्य क्रिकेट मैच के शुरू होने के आधा घंटा पहले बुलाया जाता है और मैच खत्म होने के दौरान तक वहां पार्टी होने के साथ ही सट्टेबाजी होती है. इसके अलावा सट्टेबाज मोबाइल फोन के माध्यम से भी जुड़े रहते है. जिन्हें सट्टेबाजी करनी होती है उन्हें सट्टेबाजों के मोबाइल फोन से जुड़ना होता है. मोबाइल फोन ही उन्हें कुछ विंदु बताये जाते थे और उस पर पैसे लगाने को कहा जाता है.
उधर से लगाये गये रकम की जानकारी मिलने पर उसे नोट्स में अंकित कर लिया जाता है और जीतने पर पैसों को पहुंचा दिया जाता है. इसके साथ ही हारने पर पैसा सट्टेबाजों को देना पड़ता है
.
किन-किन बिंदुओं पर होती है सट्टेबाजी
टॉस जीतने और हारने पर लगता है दांव.
मैच के प्रथम पांच ओवरों में बनेंगे कितने रन.
अमुक बॉल पर लगेगा चौका या छक्का.
कितने ओवरों में कितने विकेट गिरेंगे.
कौन मैच जीतेगा
निर्णायक स्थिति में अगर एक टीम को पांच ओवरों में पचास रनों की आवश्यकता है, तो इस बात पर दांव लगेगा कि तो वह रन बनेंगे या नहीं.
कौन सा बैट्स मैन सौ रन (सेंच्युरी) बनायेगा या पचास रन (अर्धशतक).
कौन सा बॉलर कितने विकेट लेगा या नहीं लेगा.

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