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पटना हाईकोर्ट ने केस क्लीयरेंस का बनाया रिकॉर्ड, एक साल में 1.38 लाख से ज्यादा मुकदमों का किया निबटारा

2023 में पटना उच्च न्यायालय का सीसीआर रिकॉर्ड 112.12 प्रतिशत तक पहुंच गया है. 2023 में हाई कोर्ट के समक्ष कुल 1,23,830 मामले दायर किए गए, जबकि उच्च न्यायालय ने कुल 1,38,845 मामलों का निष्पादन किया

पटना हाई कोर्ट ने अपनी कार्यकुशलता से 2023 में केस क्लीयरेंस रेट (सीसीआर) का नया रिकॉर्ड बनाया है. 2023 में उच्च न्यायालय का सीसीआर रिकॉर्ड 112.12 प्रतिशत तक पहुंच गया है. 2023 में पटना हाई कोर्ट के समक्ष कुल 1,23,830 मामले दायर किए गए, जबकि उच्च न्यायालय ने कुल 1,38,845 मामलों का निष्पादन किया, जो दायर किए गए मामलों से अधिक है. इस तरह कोर्ट की क्लीयरेंस दर 112.12 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी.

हाई कोर्ट में कितने कर्मचारी?

पटना हाई कोर्ट में जजों के कुल 53 पद स्वीकृत हैं. हालांकि, वर्तमान समय में यहां कुल 35 न्यायाधीश ही हैं. यहां सभी स्तर के पदों को मिलाकर कुल 1868 कर्मचारी कार्यरत हैं.

हाई कोर्ट में अभी इतने केस हैं पेंडिंग

उच्च न्यायालय में लंबित मामलों की अगर बात करें तो, वर्तमान में हाई कोर्ट में एक साल तक के 45,649 मामले, एक से तीन साल के बीच के 34,940 मामले, तीन से पांच साल के बीच के 29,086 मामले, पांच से दस साल के बीच के 55,062 मामले, दस से 20 साल के बीच के 24,413 मामले, 5,228 मामले लंबित हैं. वहीं, बीस से तीस साल तक के मामले और 30 साल से अधिक पुराने 2780 केस हाई कोर्ट में पेंडिंग है.

84.56 फीसदी रहा जिला अदालतों का सीसीआर

वहीं अगर राज्य के जिला अदालतों के केस क्लीयरेंस रेट की बात करें तो जिला अदालतों में 2023 में कुल 9,37,977 मुकदमे दाखिल किए गए, इनमें से 7,93,175 मुकदमों को निष्पादित कर दिया गया. इस प्रकार से जिला न्यायपालिका का सीसीआर 84.56 फीसदी रहा.

लोक अदालत में 514 मामलों का हुआ निष्पादन

2023 में, पटना उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के समक्ष कानूनी सहायता के लिए 995 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 673 मामलों में कानूनी सहायता प्रदान की गई. वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत के समक्ष 2023 में 1051 मामले भेजे गये, जिनमें से 514 मामलों का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया गया.

मध्यस्थता के लिए भेजे गए 8192 मामले

बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के अंतर्गत बिहार के मध्यस्थता केंद्र (मेडिएशन सेंटर) में कुल 273 मध्यस्थ (मेडिएटर) हैं, जिनमें से 214 राज्य के अन्य सिविल न्यायालयों में और 59 पटना उच्च न्यायालय में हैं. इन सभी को बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा प्रशिक्षित किया गया है. 2023 में कुल 8192 मामले मध्यस्थता के लिए भेजे गए, जिनमें से 1538 मामलों में फैसला सुनाया गया.

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