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Nawada News : बुधौल में दस्त-उल्टी से मासूम की मौत, नौ अस्पताल में भर्ती

Nawada News : जिले के बुधौल गांव में बुधवार का दिन मातम में बदल गया. अचानक दस्त और उल्टी की चपेट में आने से एक सात वर्षीय मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गयी.

नवादा कार्यालय. जिले के बुधौल गांव में बुधवार का दिन मातम में बदल गया. अचानक दस्त और उल्टी की चपेट में आने से एक सात वर्षीय मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गयी, जबकि नौ अन्य ग्रामीण बीमार हो गये. इस घटना से पूरे गांव में कोहराम मच गया और लोग अस्पताल की ओर दौड़ पड़े. मृत बच्ची की पहचान मनका मांझी की पुत्री क्रांति के रूप में हुई है. गांववालों के अनुसार बच्चे अचानक बीमार पड़े. पहले दस्त और उल्टी शुरू हुई और देखते ही देखते हालत बिगड़ने लगी. परिवार वाले अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि मासूम ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. लोग आशंका जता रहे हैं कि दूषित पानी या संक्रमण इसकी वजह हो सकती है. कई ग्रामीणों में भी पेट दर्द और बुखार की शिकायत सामने आयी है. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र में लंबे समय से जलजमाव और गंदगी की समस्या बनी हुई है, लेकिन प्रशासन ने कभी ध्यान नहीं दिया.

मेडिकल टीम गांव में कैंप कर रही

सूचना मिलते ही स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार चौधरी के निर्देश पर पांच सदस्यीय मेडिकल टीम गांव भेजी गयी. टीम ने प्रभावित क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया, ओआरएस और जीवन रक्षक दवाओं का वितरण किया और लोगों को स्वच्छ पानी व भोजन करने की सलाह दी. मेडिकल टीम गांव में कैंप कर मरीजों की लगातार निगरानी कर रही है.

दलित टोले में चारों तरफ गंदगी और जलजमाव

प्रभात खबर की टीम जब मौके पर पहुंची तो दलित टोले की भयावह तस्वीर सामने आयी. चारों तरफ गंदगी और जलजमाव से बदबू फैल रही थी. नालियां गंदे पानी से पटी थीं और मच्छरों का डेरा साफ नजर आ रहा था. ग्रामीणों ने बताया कि महीनों से सफाई या कीटनाशक छिड़काव नहीं हुआ. बीमारी फैलने के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि बस्ती का हाल जानने नहीं पहुंचा.

एसीएमओ ने दिखायी मानवता

बीमारी फैलने की सूचना पर एसीएमओ डॉ. राजकिशोर प्रसाद गांव पहुंचे. बीमार बच्चों को कंधे पर लादे परिजनों की विवशता देखकर उन्होंने अपने निजी वाहन से उन्हें सदर अस्पताल पहुंचाया. उनकी इस पहल से परिजनों की आंखों में आंसू और राहत दोनों साफ झलक रहे थे.

अस्पताल में स्थिति नियंत्रण में

सदर अस्पताल में नौ मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें उषा देवी, अंशु कुमारी, रतन मांझी, राम जी, चांदनी, काजल, सुहानी, पीयूष और तनु शामिल हैं. शुरुआत में कुछ की हालत गंभीर थी, लेकिन समय पर इलाज से अब सभी मरीज खतरे से बाहर हैं. अस्पताल प्रशासन ने मरीजों को जीवन रक्षक दवाएं और तरल पदार्थ उपलब्ध कराये हैं.

क्या कहा मरीजों और उनके परिजनों ने

सदर अस्पताल में भर्ती उषा देवी ने बताया कि रोजाना की तरह सामान्य भोजन खाया था. रतन मांझी ने बताया कि मंगलवार की रात पूरा परिवार पूरी-सब्जी खाया था. सुबह अचानक दस्त उल्टी होना शुरू हो गया. अंशु कुमारी ने बताया कि मंगलवार की रात्रि आलू की भुजिया और रोटी खा कर सोया और सुबह दस्त होना शुरू हो गया. गोरेलाल मांझी ने बताया कि रात आलू भुजिया और रोटी पूरा परिवार खाया था. देर रात से ही बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी. सीताराम मांझी ने बताया कि घर में रोटी और आलू का भुजिया बना था. पूरा परिवार खाया लेकिन बच्चे की तबियत बिगड़ गयी और दस्त होना शुरू हो गया. तनका मांझी ने बताया कि मंगलवार की रात पूरा परिवार रोटी सब्जी खाया था. सुबह बेटी को दस्त होने लगा. सोनू रविदास ने बताया की रात्रि में पूरा परिवार सब्जी रोटी जैसा सामान्य भोजन किया.

क्या कहते हैं सिविल सर्जन

उल्टी-दस्त से एक बच्चे की मौत और कई लोगों के आक्रांत होने की सूचना प्राप्त हुई. तत्काल राहत बचाव करते हुए मेडिकल टीम को गांव भेजा गया. नाजुक स्थिति वाले नौ मरीजों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है. शेष हल्का फुल्का बीमार लोगों को गांव के ही मेडिकल शिविर में जीवन रक्षक दवा और अन्य जरूरी सामग्री दी गयी है. फिलहाल स्थिति पूर्ण रूप से नियंत्रण में है.विनोद कुमार चौधरी, सिविल सर्जन, सदर अस्पताल, नवादा

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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