सिरदला : सरकारी अनदेखी के कारण प्रखंड के मवेशियों का इलाज सही तरीके नहीं हो रहा है. सिरदला पशु अस्पताल में पशु चिकित्सा पदाधिकारी ब्रजेश कुमार, पशु धन सहायक सलाम उद्दीन व ऑपरेटर धीरज पदस्थापित हैं. नाइट गार्ड के सहारे कृत्रिम गर्भधारण का कार्य होता है.
प्रखंड में दो पशु अस्पताल है. दोनों की जिम्मेवारी एक ही चिकित्सक के जिम्मे है. पशुपालकों का कहना है कि आवश्यक दवा नहीं रहने के कारण उनको बेवजह परेशान होना पड़ता है. सिरदला पंचायत व लौंद पंचायत में पशु चिकित्सालय है. प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी की देख रेख में दोनों अस्पतालों में ड्यूटी तो हो रही है, लेकिन पशुपालकों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. प्रत्येक महीने सीमेन की आपूर्ति नहीं होने से पशुपालकों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है. अस्पताल में जिस सीमेन की कीमत 40 रुपये है. उसे अन्यत्र तीन-चार सौ रुपये में खरीदना पड़ता है.
प्राय: मवेशियों को चिमोकन लगने की शिकायत रहती है. इसकी दवा दो वर्षो से अस्पताल में नहीं हैं. इसके कारण आये दिन पशुपालकों व कर्मचारियों की नोक-झोंक हो जाती है. सिरदला के अमीरक स्वर्णकार, राजेंद्र प्रसाद, कुसाहन के रामशीष प्रसाद व प्रकाश प्रसाद यादव का कहना है कि पशु अस्पताल सिर्फ नाम का है. जब भी मवेशियों के इलाज की आवश्यकता पड़ती है, तो बाहर के चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है. यहां न तो इलाज की व्यवस्था हैं और ना ही दवा की. अच्छी नस्ल की पशु खरीद कर लाते हैं, परंतु बेहतर सीमेन के अभाव में गाय-भैंस साल दो साल में ही बेकार हो जाते हैं.
सिरदला : परना डाबर गांव में ट्रैक्टर से कुचल कर बच्चे की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार, बच्चे को गोद में लेकर मां गायत्री देवी दूध पीला रही थी. इसी दौरान कोसुम्हातरी के कमल देव यादव की ट्रैक्टर से परना डाबर में धान कुटाई का काम हो रहा था.
अचानक गाड़ी में गेयर में स्टार्ट हो जाने से यह घटना हुई. बच्चे की मां ट्रैक्टर के आगे ही बैठी थी और वहीं पर बच्चे के नाना बासुदेव राम लेटे हुए थे. गाड़ी के स्टार्टिग स्विच खराब होने के कारण ड्राइवर बिना न्यूट्रल किये ही डायरेक्ट सेल्फ से चालू कर रहा था. इसी दौरान ट्रैक्टर तेजी से आगे बढ़ा और महिला गायत्री देवी बच्चे के नाना बासुदेव राम को कुचलते हुए आगे बढ़ गया.
जब तक ड्राइवर गाड़ी को नियंत्रण करता तब तक नवजात बच्चे की मौत हो गयी थी. जानकारी मिली कि मुंडन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गायत्री देवी अपने ससुराल बड़ैला से परनाडाबर दो दिन पहले ही आयी थी. आनन-फानन में घायलों को पीएचसी सिरदला में भरती कराया गया. जहां से उसे चिंताजनक हालत में नवादा रेफर कर दिया गया. मां को पटना रेफर किया गया है.