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खुद ही बुझानी पड़ेगी आग

हाल व्यवस्था का : जिला अग्निशमन विभाग की स्थिति बदतर गरमी का मौसम शुरू हो चुका है. इस मौसम में जिस कारण सबसे ज्यादा नुकसान होता है, तो वह आग लगने से. आग लगने की घटनाएं इस मौसम में काफी बढ़ जाती हैं. एक तिल्ली भी जल्द ही रौद्र रूप धारण कर सब कुछ स्वाहा […]

हाल व्यवस्था का : जिला अग्निशमन विभाग की स्थिति बदतर
गरमी का मौसम शुरू हो चुका है. इस मौसम में जिस कारण सबसे ज्यादा नुकसान होता है, तो वह आग लगने से. आग लगने की घटनाएं इस मौसम में काफी बढ़ जाती हैं. एक तिल्ली भी जल्द ही रौद्र रूप धारण कर सब कुछ स्वाहा कर देती है. प्राय: हर रोज आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं. इसका नाम सुनते ही आम आदमी सहम जाता है.
बहुत कम मौका होता है जब लोग आसानी से आग पर काबू पा लेते हैं. अधिकतर मामलों में अग्निशमन विभाग को सूचित करना पड़ता है. इस मौसम में अग्निशमन विभाग कितना तैयार है, जिले के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए. पेश है एक रिपोर्ट.
नवादा (सदर) : आग लगने की बड़ी घटनाओं पर काबू पाने में जिले का अग्नि शमन विभाग अक्षम साबित होगा. क्योंकि विभाग के पास जो वाहन हैं उसमें से अधिकतर बेकार हो गयी हैं. पूरे जिले में छोटी-बड़ी मिला कर वाहनों की सात है. जबकि, जिले में 14 प्रखंड सहित तीन नगर पंचायत हैं. जिले की जनसंख्या के मुताबिक सरकार द्वारा आग बुझाने की ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है.
नये भवन का निर्माण जारी
अग्नि शमन विभाग पिछले कई साल से पुराने जेल परिसर से ही चल रहा है. लेकिन, 27 सितंबर, 2013 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके नये भवन शिलान्यास किया. इसका निर्माण बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा कराया जा रहा है. इसमें वाहन खड़ा करने के लिए तीन गैरेज, कार्यालय, आवास आदि शामिल है.
आग लगने के कारण
आग लगने की घटना जब होती है तो उसकी साफ वजह असावधानी व लापरवाही उबर कर सामने आती है. इसमें बिजली के तार, सिगरेट व आग की तिल्ली, गैस सिलिंडर लीक होने सहित कई कारण होते हैं. इस तरह के घटनाओं में जान-माल का काफी नुकसान हो जाता है.
पिछले साल 80 घटनाएं
नवादा, हिसुआ व वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्रों में पिछले साल आग लगने की सबसे अधिक घटनाएं हुई. इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में करीब 80 स्थानों पर आग लगी. इनमें से अधिकतर स्थानों पर अग्नि शमन विभाग का वाहन पहुंचा ही नहीं. वाहनों के नहीं पहुंचने के भी कई कारण हैं. हालांकि, स्थानीय लोगों द्वारा उठाया कदम ही अधिक कारगर साबित हुआ.
हर प्रखंड में हो दमकल वाहन
गांवों में आग लगने की किसी भी घटना पर काबू पाने में विभाग को कठिनाई होगी. इसका सबसे बड़ा कारण अगिA शमन वाहन का जिला मुख्यालय में होना माना जाता है. जिले के सुदूर इलाकों में आग लगने की घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला मुख्यालय से उस स्थान तक पहुंचने में ही दो से तीन घंटे लग जायेंगे. इसके बाद महज खानापूर्ति की रस्म अग्नि शमन वाहन अदा कर पाता है. हालांकि, दो-तीन थानों को मिला कर छोटी अगिA शमन वाहन पर्याप्त है. परंतु उसमें पानी की क्षमता न के बराबर है. यदि हर प्रखंड मुख्यालय में कम से कम एक -एक बड़ा अगिA शमन वाहन की व्यवस्था हो तो काफी हद तक नुकसान को कम किया जा सकता है.

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