12800 हेक्टेयर में डाले जायेंगे बिचड़े
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रोहिणी का आगमन, बिचड़ा डालने की होगी शुरुआत
12800 हेक्टेयर में डाले जायेंगे बिचड़े जिले में तय किये गये प्रखंडवार बिचड़े बोने के लक्ष्य बिहारशरीफ : रोहिणी नक्षत्र का आगमन गुरुवार को हो गया. इस नक्षत्र का किसान बेसब्री से इंतजार करते हैं. खरीफ फसल के तहत धान की खेती में इस नक्षत्र की अहम भूमिका होती है. इसी नक्षत्र से प्राय: किसान […]
जिले में तय किये गये प्रखंडवार बिचड़े बोने के लक्ष्य
बिहारशरीफ : रोहिणी नक्षत्र का आगमन गुरुवार को हो गया. इस नक्षत्र का किसान बेसब्री से इंतजार करते हैं. खरीफ फसल के तहत धान की खेती में इस नक्षत्र की अहम भूमिका होती है. इसी नक्षत्र से प्राय: किसान खेतों में धान का बिचड़ा डालने की शुरुआत करते हैं. बिचड़े बोने के लिए किसानों ने खेतों की जुताई की तैयारी शुरू कर दी है. साथ ही अच्छी पैदावार के लिए उत्तम किस्म के बीज की तलाश में बीज विक्रेताओं से संपर्क भी करने लगे हैं. नालंदा जिले में इस बार 12 हजार 800 हेक्टेयर भूमि में धान के बिचड़े बोये जायेंगे. जिला कृषि विभाग की ओर से प्रखंडवार लक्ष्य तय कर दिया गया है. इसके अनुरूप ही बिचड़े डाले जायेंगे. कुछ दिनों में बिचड़े डालने का काम शुरू हो जायेगा. जानकार लोग कहते हैं कि आर्द्रा नक्षत्र तक अधिकतर लोग खेतों में बिचड़ा डाल देते हैं.
अनुदान पर बिचड़े उपलब्ध कराने की योजना : जिला कृषि विभाग की ओर से किसानों को अनुदानित दर पर धान की विभिन्न प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराने की योजना है. किसान मनपसंद बीजों का क्रय थोक विक्रेताओं यानी की अधिकृत बीज विक्रेताओं से कर सकेंगे. इसके लिए जिला कृषि विभाग की ओर जिले में बीज के अधिकृत विक्रेताओं की सूची बनायी जा रही है. किसान इन अधिकृत विक्रेताओं के पास से अनुदान पर बीज क्रय कर खेतों में धान के बिचड़े डाल सकेंगे. विभाग की योजना है कि किसानों को धान की उन्नत खेती करने के लिए उत्तम क्वालिटी के बिचड़े उपलब्ध कराये जाएं.
रोहिणी नक्षत्र के बिचड़े से होती है बेहतर पैदावार
बुजुर्ग व प्रगतिशील किसान मानते हैं कि रोहिणी नक्षत्र में डाले गये बिचड़े से तैयार पौधे की रोपाई करने पर धान की फसल अच्छी होती है. इस ख्याल से लोग कोशिश करते हैं कि इसी नक्षत्र में बिचड़े डालें. हालांकि इस नक्षत्र में किसानों के समक्ष खेतों की सिंचाई की समस्या आती है, क्योंकि इस नक्षत्र में बारिश नहीं के बराबर होती है. लेकिन, जो किसान आर्थिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण होते हैं, वैसे लोग मोटर पंपों के सहारे खेतों की सिंचाई कर बिचड़े डालते हैं, पर मध्यम वर्गीय किसान चाह कर भी बिचड़े नहीं डाल पाते हैं.
धान की खेती के लिए किसानों को अनुदान पर बीज उपलब्ध कराये जायेंगे. किसान योजना का लाभ उठाएं. खेतों में उत्तम किस्म के बिचड़े डालें. बेहतर पैदावार के लिए प्रखंडों में कर्मशाला आयोजित कर आधुनिक टिप्स बताये जा रहे हैं. हर प्रखंड में तिथिवार खरीफ कर्मशाला आयोजित की जा रही है.
अशोक कुमार, डीएओ, नालंदा
प्रखंडवार बिचड़ा बोने का लक्ष्य
प्रखंड का नाम लक्ष्य हेक्टेयर में
बिहारशरीफ 850
बिंद 250
अस्थावां 700
हरनौत 1220
सरमेरा 780
नूरसराय 690
रहुई 720
राजगीर 440
सिलाव 600
बेन 500
प्रखंड का नाम लक्ष्य हेक्टेयर में
गिरियक 390
कतरीसराय 250
हिलसा 950
करायपरशुराय 350
चंडी 850
थरथरी 340
नगरनौसा 350
एकंगरसराय 830
परबलपुर 440
इस्लामपुर 1300
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