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मरीजों के इलाज में कोताही नहीं

समीक्षा. केंद्रीय टीम ने दो अस्पतालों का किया निरीक्षण, लिया चिकित्सा व्यवस्था का जायजा बिहारशरीफ : टीबी के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध करायें. ताकि यक्ष्मा रोग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके. रोगियों को सरकार की ओर से जीवनरक्षक दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है. इलाजरत रोगियों पर भी कर्मी […]

समीक्षा. केंद्रीय टीम ने दो अस्पतालों का किया निरीक्षण, लिया चिकित्सा व्यवस्था का जायजा

बिहारशरीफ : टीबी के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध करायें. ताकि यक्ष्मा रोग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सके. रोगियों को सरकार की ओर से जीवनरक्षक दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है. इलाजरत रोगियों पर भी कर्मी बराबर पैनी नजर रखें, ताकि रोगी किसी भी सूरत में डिफॉल्टर नहीं हो सके.यह हिदायत केन्द्रीय टीम (टीबी यूनिट) के अधिकारियों ने दी.बुधवार को टीबी यूनिट की केन्द्रीय टीम नालंदा पहुंची.टीम में दो चिकित्सा पदाधिकारी शामिल थे.
इसके अलावा टीम में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी(यक्ष्मा)भी साथ में थे.नालंदा पहुंची टीबी यूनिट की केन्द्रीय टीम ने जिले के दो अस्पतालों का निरीक्षण भी किया.टीम में शामिल अधिकारी डॉ.नीता सिंगला व डॉ.विक्रम बोहरा और राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.मेजर केएन सहाय ने सबसे पहले राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे.वहां पर टीबी के मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही चिकित्सा सेवा के बारे में उपाधीक्षक उमेश चंद्र से जानकारी प्राप्त की.इस दौरान टीम में शामिल अधिकारी डॉ.सिंगला ने उपाधीक्षक को निर्देश दिया कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जाय.ओपीडी में आने वाले रोगियों में से चिंहित कर तीन फीसदी मरीजों को डीएमसी में अवश्य भेजें.
ताकि उसका बलगम की जांच सही ढंग से की जा सके.जांच रिपोर्ट के आधार पर संदिग्ध व चिंहित रोगियों को चिकित्सा सेवा प्रदान की जाय.पॉजिटिव रेट को बढ़ाने की जरूरत है.यह तभी संभव होगा जब ओपीडी में आने वाले रोगियों को चिंहित कर बलगम जांच करायी जायेगी.टीबी मरीजों के बलगम जांच की बेहतर सुविधा के लिए जिला यक्ष्मा केन्द्र में सीबीनैट मशीन लगी हुई है.गंभीर रोगियों को बलगम जांच के लिए सीबीनेट मगें भेजें.समय पर इलाज नहीं होने पर संक्रमित रोगी स्वस्थ लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.
केन्द्रीय टीम ने इस्लामपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी पहुंची.वहां पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ बैठक की.इस दौरान उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.शैलेन्द्र कुमार से मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की.डीएमसी की व्यवस्था पर टीम के अधिकारियों ने संतोष जताया.इस उपलब्धि के लिए टीम के अधिकारियों ने डीटीओ डॉ.रविन्द्र कुमार के कार्यों की प्रशंसा भी की.
टीम में शामिल अधिकारी डॉ.मेजर केएन सहाय ने कहा कि इंटीकेटर हर तरह से दुरुस्त है.इसे आगे भी बनाये रखें.दवा खा रहे मरीजों पर पैनी नजर रखी जाय.क्षेत्र का भ्रमण कर मरीजों का फीडबैक उनके परिजनों से लिया जाय.ताकि पता चल सके कि रोगी डेली रेजिमेन की दवा समय अनुसार खा रहे हैं.केन्द्रीय टीम के अधिकारियों ने बाद में जिला यक्ष्मा केन्द्र का जायजा लिया.इस दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ.रविन्द्र कुमार के साथ बैठक की.
बैठक में कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि टीबी का मरीज किसी भी हाल में डिफॉल्टर नहीं हो पाये.रोगी को कोर्स के अनुरूप दवा समय पर उपलब्ध हो.जिला यक्ष्मा की व्यवस्था पर उन्होंने संतोष जताया.सीबीनैट से की जा रही जांच आदि के बारे में जानकारी डीटीओ डॉ.कुमार से ली.डीटीओ ने मैनपावर की कमी की ओर ध्यान आकृष्ट कराया.बाद में टीम के अधिकारी लोग सिविल सर्जन डॉ.सुबोध प्रसाद सिंह मिले और जिले में यक्ष्मा कार्यक्रमों की उपलब्धियों आदि के बारे में चर्चा की.
टीम ने कहा कि जिस डीएमसी में दो एलटी हैं और जिला स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम में जरूरत हो तो एक एलटी को हरहाल में डीएमसी में तैनात रखा जाय.
ताकि यक्ष्मा कार्यक्रम निरंतर रूप से सुचारू ढंग से संचालित होता रहा है.

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