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आधार कार्ड से जोड़ने में नालंदा अव्वल

चालू माह में 10 हजार धात्री व गर्भवती महिलाओं को आधार से जोड़ने का लक्ष्य बिहारशरीफ : बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने के लिए जिले में 2655 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष आयु के एक लाख छह हजार बच्चों को आनंदमय गतिविधियों के माध्यम से स्कूली शिक्षा […]

चालू माह में 10 हजार धात्री व गर्भवती महिलाओं को आधार से जोड़ने का लक्ष्य
बिहारशरीफ : बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने के लिए जिले में 2655 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है. इन आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष आयु के एक लाख छह हजार बच्चों को आनंदमय गतिविधियों के माध्यम से स्कूली शिक्षा व पोषणाहार दिया जा रहा है. प्री स्कूलिंग की इस व्यवस्था के तहत बच्चों को फलों, जानवरों आदि की जानकारी हिंदी माध्यम से दी जा रही है. यह जानकारी अंग्रेजी माध्यम से भी दी जानी है, मगर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के उस लायक नहीं होने के कारण फिलहाल हिंदी में जानकारी दी जा रही है. ड्राइंग बुक्स जिसमें फूल-पत्ती, जानवर आदि के तस्वीर बने होते हैं, उसमें बच्चों से कलर काराया जाता है.
इसके अलावा नाच-गाकर भी बच्चों की शिक्षा दी जाती है. एक आंगनबाड़ी केंद्र पर 40 बच्चों की संख्या निर्धारित है, मगर गरमी के दिनों में यह संख्या किसी केंद्र पर दिखलाई नहीं पड़ रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले इन बच्चों को सुबह में नाश्ते के रूप में मौसम के अनुसार गुड़ व चना अथवा चूड़ा गुड़ दिया जाता है एवं दोपहर में खिचड़ी, रशिया व पोलाव बारी-बारी से दिया जाता है. सप्ताह में तीन दिन हरी सब्जी युक्त खिचड़ी देने का प्रावधान है . इसके अलावा इन बच्चों को प्रति माह 15 अथवा 22 तारीख को टेक होम राशन दिया जाता है. टेक होम राशन में चावल, दाल और सोयाबीन होता है.
तैयार हो रही ग्रोथ पंजी :
आंगनबाड़ी केंद्रों के इन बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के अलावा उनके पोषण और स्वास्थ्य पर भी नजर रखी जा रही है. केंद्र पर ही इन बच्चों को सभी प्रकार का टीकाकरण किया जाता है. इन बच्चों को मशीन से वेट कर उनकी ग्रोथ पंजी तैयार की जारी है. जिन बच्चों का सही ग्रोथ नहीं हो पाता है, उनको इलाज के लिए सदर अस्पताल में इलाज के लिए भरती कराया जाता है. अस्पताल में बच्चे के भरती होने के दौरान उनके एक अभिभावक को अस्पताल में रहने की व्यवस्था की जाती है. इसके लिए अभिभावक को नि:शुल्क खाना एवं प्रतिदिन 100 रूपये दिये जाते है, जिससे कि उनके काम-धंधे के बंद होने से होने वाली क्षति की भरपाई की जा सके. बच्चे के स्वस्थ्य हेा जाने पर उन्हें घर भेज दिया जाता है.
धात्री व गर्भवती महिलाओं को भी सुविधा :
आंगनबाड़ी के केंद्रों द्वारा धात्री एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण की भी व्यवस्था की जाती है. धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को टेक होम राशन दी जाती है. इसके तहत चावल, दाल एवं सोयाबीन उपलब्ध कराये जाते हैं.
लाभुकों को आधार नंबर से जोड़ा जा रहा :
आंगनबाड़ी केंद्रों के लाभुकों को आधार नंबर से जोड़ने की कार्रवाई की जा रही है. धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को आधार नंबर से जोड़ने के मामले में नालंदा पूरे सूबे में अव्वल है. अबतक जिले में 2356 धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को आधार नंबर से जोड़ा जा चुका है. मई माह के दौरान 10 हजार धात्री एवं गर्भवती महिलाओं को आधार नंबर से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. गुरूवार को हुई आंगनबाड़ी सुपरवाइजरों की बैठक में इस लक्ष्य को अनिवार्य रूप से प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है.
जिले के आंगनबाड़ी पर एक नजर :
जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र- 2655,
नये आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे- 755
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की संख्या- 1.06 लाख
धात्री व गर्भवती महिलाएं जिन्हें आधार से जोड़ा गया- 2356
मई में जोड़ने का लक्ष्य- 10,000

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