बिहारशरीफ : जिला न्यायालय परिसर में यद्यपि राज्य के कुछ जिला न्यायालयों आरा, सासाराम, नवादा में बम विस्फोट और वकीलों, गवाहों की हत्याओं के वारदात के बाद सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई. परंतु यह व्यवस्था अभी अपूर्ण है. इसे अधिक पुख्ता करने की आवश्यकता है. इसी कड़ी में अपराधियों ने 11 अप्रैल को बेतिया कोर्ट में पांच गोली मारते हुए बबलू दुबे नामक अपराधी की दिन दहाड़े हत्या कर चलते बने. हत्या के बाद अपराधी आराम से पैदल चले गये.
यह अपराध कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने को काफी है. कुछ वर्ष पूर्व जिला न्यायालय परिसर बिहारशरीफ में भी एक मुंशी की हत्या कर दी गई थी. जबकि एक बार बम के तीन गोले भी बरामद किये गये थे. फिलहाल तो राज्य सरकार के निर्देशानुसार डीएम और जिला जज की अध्यक्षता तथा देखरेख में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जा रही है.
परंतु एक साल बाद भी इसके कई मापदंड अपूर्ण हैं. सुरक्षा के नाम पर न्यायालय परिसर प्रवेश द्वार पर मेडल डिटक्टर मशीन के साथ चार चार पुलिस कर्मी उपलब्ध कराये गये हैं. परंतु ये भी बहुत से मामलों में असहाय नजर आते हैं. इसके तहत वकीलों व कर्मियों को परिचय पत्र उपलब्ध कराना था, जो अबतक नहीं कराया जा सका है. इसमें जांच के बिना व्यक्ति बेरोकटोक परिसर में घुसते रहते हैं.