बिहारशरीफ : जिला न्यायाय के पाक्सो स्पेशल एडीजे प्रथम शशि भूषण प्रसाद सिंह के कोर्ट में पांच मई से अभियोजन (पीड़िता) पक्ष से स्पेशल पीपी सोमेश्वर दयाल ने बहस की शुरुआत की. इसमें अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार, स्पेशल पीपी कैसर श्याम व जगत नारायण सिन्हा ने सहयोग किया. तीन दिन अभियोजन पक्ष से बहस किया जा चुका है.
बताया जाता है कि 15 सितंबर 2016 से अप्रैल 2017 तक पक्ष-विपक्ष से कुल 33 गवाहों का परीक्षण प्रतिपरीक्षण लगातार चला. जबकि मामले की सुनवाई कोर्ट में रोज हो रही है. अभियोजन पक्ष से शुरू हुए बहस में प्रथमत: दर्ज प्राथमिकी पर बहस की गयी. उसके बाद पीड़िता ने नाबालिग होने से संबंधित प्रमाणों पर बहस के दौरान स्पेशल पीपी सोमेश्वर दयाल ने आरोप पत्र और बयान के कई अनुच्छेदो 5, 7, 10, 43, 44, 39, 41 आदि को उदृत करते हुए बहस किया कि उपलब्ध प्रमाणों,स्कूल सर्टिफिकेट या मेडिकल जांच के अनुसार पीड़िता नाबालिग है और 18 वर्ष से कम आयु होने से यह मामला पॉक्सो एक्ट के तहत आता है.
पीड़िता घटना के चार माह पहले ही बिहारशरीफ आयी थी. इसके पहले वह अपने गांव की स्कूल में पढ़ती थी. यहां कोचिंग में दाखिला लिया था. बिहारशरीफ के अन्य जगहों की उसे छह फरवरी 2016 को भरावपर जन्म दिन उत्सव के बहाने बख्तियारपुर ले गई और वहां से घटनास्थल पथरा इंगलिश ले गई तो उसे यह पता हीं नहीं चला कि वह कहां जा रही है. 11 फरवरी 2016 को पुलिस दल के साथ पीडि़ता ने जाकर आरोपी की पहचान की थी. पुलिस की गाड़ी घटना स्थल के पहले ही कुछ दूरी पर रुकी थी. जहां एक व्यकत बाहर में घूम रहा था. पीडि़ता ने उसे पहचाना. कुछ दिन पूर्व चुनाव होने से जगह जगह पोस्टर में भी फोटो थे. जिसमें पहचान की. स्पेशल पीपी ने पाक्सो के तहत आरोपी को उम्र कैद और जुर्माना दोनों की सजा दोषी पाये जाने पर मुकर्रर की जा सकती है.