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सेक्सुअल ह्रासमेंट के विरोध में प्रदर्शन

राजगीर : सेक्सुअल ह्रासमेंट के गंभीर मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्व विद्यालय मे बुधवार के दिन 40 की संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं भूख हड़ताल व धरने पर बैठ गये. छात्र-छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्व विद्यालय के कार्यालय परिसर मे बैनर व पोस्टरों के साथ प्रदर्शन करते हुए नारे बाजी की. वहीं उन्होंने विश्वविद्यालय […]

राजगीर : सेक्सुअल ह्रासमेंट के गंभीर मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्व विद्यालय मे बुधवार के दिन 40 की संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं भूख हड़ताल व धरने पर बैठ गये. छात्र-छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्व विद्यालय के कार्यालय परिसर मे बैनर व पोस्टरों के साथ प्रदर्शन करते हुए नारे बाजी की.

वहीं उन्होंने विश्वविद्यालय कार्यालय के मुख्य द्वार पर कई स्लोगन लिखे पोस्टर चिपका कर अपना जबरदस्त विरोध प्रदर्शन भी किया. छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रभारी वाईस चांसलर सह इतिहास के डीन प्रो० पंकज मोहन द्वारा खिलाफ मामले को रफा-दफा करने का सांकेतिक विरोध को भी जाहिर किया. प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने बताया कि इतिहास के दो छात्र क्रमश: बक्सर के शशांक शेखर पांडेय व गया के अमन वर्मा द्वारा विश्वविद्यालय के कुछ छात्राओं के साथ सैक्सुअल हर्रास्समेंट का घिनौना खेल खेल जा रहा था. दोनो ही इतिहास के द्वितिय वर्ष के छात्र हैं .

यह घृणित कार्य लगभग दो साल से उन दोनो के द्वारा विश्वविद्यालय परिसर मे चल रहा था. जिसके बारे मे पीड़ित छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बात की शिकायत की और उन दोनों छात्रों को विश्वविद्यालय से बर्खास्त करने की मांग भी की. उन्होंने आगे बताया कि इस घटना के गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने आई सी सी यानि इंटरनल कंप्लेन कमिटी का गठन कर सघन जांच की कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ तो की. मगर उक्त दोनो छात्रों की तरफदारी करते हुए वर्तमान प्रभारी वाईस चांसलर सह इतिहास के डीन प्रो० पंकज मोहन के द्वारा जांच को प्रभावित किया जा रहा है.

छात्र छात्राओं ने स्पष्ट करते हुए आगे बताया कि पंकज मोहन ने आई सी कमिटी के स्वायतत्ता को प्रभावित करते हुए मामले से संबंधित रिकोमेंडेशन को रोकने का भरपुर प्रयास किया है.वहीं उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि आई सी कमिटी के जांच मे पंकज मोहन द्वारा तरह तरह से किये जा रहे सवाल से कमिटी को परेशान भी किया जा रहा है .
बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठे विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जबतक उन दोषी छात्रो को विश्व विद्यालय से निकाल बाहर नही किया जाएगा तथा विश्वविद्यालय के वर्तमान प्रभारी कुलपति के इस्तीफा नहीं लिया जाएगा तबतक हमारा यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं दूसरी ओर प्रभारी वाईस चांसलर सह डीन प्रो०पंकज मोहन ने अपने उपर लगाये गये सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के इंरनल कम्पलेन कमिटी ने हाल मे इस मामले पर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपते हुए अपना फैसला दिया था. जिसमें 20 मार्च की रात को कमेटी का रिकमेंडेशन प्राप्त किया गया था .
उन्होंने कहा कि उस पर मैने निष्पक्षता बरतते हुए अधिकारियों से सलाह लेने के पश्चात् रजिस्ट्रार की सलाह पर 27 मार्च को आई सी सी के रिकमेंडेशन को अनुमोदित कर दिया था.जिसके आलोक मे उस वक्त उक्त दोषी छात्र को एक अन्य छात्रावास मे स्थानांतरित कर दिया गया था. साथ हीं उक्त छात्र के खिलाफ हो रहे विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा विरोध को देखते हुए हमने अपने अनुमोदन मे दोषी छा्त्र को निलंबित कर दिया है. उन्होंने आगे बताया कि आई सी सी की सिफारिशों के आलोक मे अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी तथा
कानूनी प्रक्रिया का उचित पालन किया जाएगा . इस दौरान नालंदा आरक्षी अधीक्षक आशीष कुमार ने भी अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यालय जाकर सेक्सुअल हर्रासमेंट के विरोध मे भूख हड़ताल पर बैठे व प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं से भेंट कर उन्हें समझाने की कोशिश की . उनके मांग के आलोक मे उन्होने प्रभारी कुलपति प्रो० पंकज मोहन से वार्ता के बाद आशीष कुमार ने छात्र छात्राओं को भरोसा दिलाया कि विशेष जांचोपरांत उक्त दोषी छात्र पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी की विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.

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