महापर्व का क्रेज. सभी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लंबी, किसी भी तरह घर आना चाहते हैं परदेसी
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बगैर रिजर्वेशन ट्रेन में रहेगी मारामारी
महापर्व का क्रेज. सभी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लंबी, किसी भी तरह घर आना चाहते हैं परदेसी बिहार से बाहर रह रहे लोग छठ में अपने घर आना चाहते हैं. लेकिन ट्रेनों में वेटिंग ने परेशानी बढ़ा दी है. सिमरी : छठ के नजदीक आने के साथ ही दिल्ली और अमृतसर से सहरसा आने-जाने वाली […]
बिहार से बाहर रह रहे लोग छठ में अपने घर आना चाहते हैं. लेकिन ट्रेनों में वेटिंग ने परेशानी बढ़ा दी है.
सिमरी : छठ के नजदीक आने के साथ ही दिल्ली और अमृतसर से सहरसा आने-जाने वाली दो मुख्य ट्रेनों में सीटें फुल हो गयी हैं. अमृतसर से वाया दिल्ली सहरसा आने वाली गरीबरथ या आदर्शनगर-सहरसा पुरबिया एक्सप्रेस दोनों ट्रेनों में जबरदस्त वेटिंग चल रही है. अभी से लेकर छठ के बाद तक दोनों तरफ से गरीब रथ और पुरबिया में वेटिंग होने के कारण यात्रियों को आरक्षण मिलने में दिक्कत हो रही है. यात्री सुबह सवेरे से सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन पर आरक्षण के लिए मारामारी करते हैं और फिर भी वेटिंग की स्थिति इस कदर है कि रिजर्वेशन संभव नहीं हो पाता. मालूम हो कि इस साल 6 व 7 नवंबर को छठ है. इन त्योहारों के मौसम में काफी लोग दिल्ली से आते हैं, लेकिन टिकटों की मारामारी इनके हर साल की नियति में शामिल है.
ट्रेनें कम, आनेवाले ज्यादा: बड़े शहरों के स्कूलों में इन त्योहारी सीजन के दौरान बच्चों को दस से पंद्रह दिन की छुट्टी मिल जाती है. जिससे अभिभावक गांव आना सही समझते हैं. इधर जैसे-जैसे छठ की तारीख नजदीक आ रही है ठीक वैसे ही वेटिंग का ग्राफ बढ़ता जा रहा है और काफी हद तक दलालों की भी चांदी हो गयी है. यात्री बताते हैं कि कोसी इलाके को रेलवे द्वारा उपलब्ध कम ट्रेनें ही इस मारामारी की मुख्य वजह है. यात्रियों के मुताबिक मांग अनुसार ट्रेनें उपलब्ध होती नहीं और जिस वजह से उपलब्ध ट्रेनों मे वेटिंग बढ़ता जाता है.
त्योहारी सीजन में यात्रियों की भीड़ की बाढ़ आ जाती है तो आनन-फानन में स्पेशल ट्रेन चला स्थिति को सामान्य दिखाया जाता है. हालांकि यह भी सच है कि स्पेशल ट्रेन का उचित प्रचार-प्रसार ना होने की वजह से यह ट्रेन यात्रियों के लिए ज्यादा सहायक सिद्ध नहीं हो पाती है. इसके साथ-साथ छठ पूजा के बाद दिल्ली व अमृतसर जाने वाली ट्रेनों में भी लंबी वेटिंग देखी जा रही है.
यात्रियों की तुलना में कम हैं ट्रेनें
कोलकाता से आने में भी वेटिंग का झमेला
13163 सियालदह-सहरसा हाटे बाजारे एक्सप्रेस में 3 नवंबर को स्लीपर में 61, 4 नवंबर को 59, 5 नवंबर को 25 वेटिंग है और थर्ड एसी में 3 नवंबर को 17, 4 नवंबर को 26, 5 नवंबर को 21 वेटिंग है. वहीं पटना से सहरसा आने वाली तीन मुख्य ट्रेनें भी वेटिंग का शिकार हैं. 12568 पटना-सहरसा राज्यरानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस के एसी चेयर कार में 4 नवंबर को 41 और 5 नवंबर को 28 वेटिंग है. वहीं 18698 पटना-पूर्णिया कोर्ट कोसी एक्सप्रेस में 2 नवंबर को 35, 3 नवंबर को 26, 4 नवंबर को 23, 5 नवंबर को 21 वेटिंग है. वहीं 13206 दानापुर-सहरसा जनहित एक्सप्रेस के स्लीपर में तीन, चार, पांच नवंबर को क्रमश: 28, 15, 19 वेटिंग है.
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