जांच के लिए बलगम के नमूने लिये जायेंगे
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कैंप लगा कर की जायेगी टीबी मरीजों की पहचान
जांच के लिए बलगम के नमूने लिये जायेंगे रिपोर्ट पॉजिटिव रहने पर होगा इलाज शुरू दलित व महादलित टोलों में लगाये जायेंगे शिविर बिहारशरीफ : जिले में टीबी बीमारी के नये रोगियों की पहचान के लिए जिले के दलित एवं महादलित टोलों में शिविर लगाये जायेंगे. शिविर में आनेवाले महादलित परिवारों के बलगम के नमूने […]
रिपोर्ट पॉजिटिव रहने पर होगा इलाज शुरू
दलित व महादलित टोलों में लगाये जायेंगे शिविर
बिहारशरीफ : जिले में टीबी बीमारी के नये रोगियों की पहचान के लिए जिले के दलित एवं महादलित टोलों में शिविर लगाये जायेंगे. शिविर में आनेवाले महादलित परिवारों के बलगम के नमूने संग्रह किये जायेंगे. संग्रहित बलगम के नमूनों की जांच जिला यक्ष्मा केंद्र में माइको स्कोपिंग मशीन से की जायेगी. अगर जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आयी, तो संबंधित लोगों की चिकित्सा तुरंत शुरू कर दी जायेगी.
आशा करेंगी शिविर का प्रचार : महादलित व दलित टोलों में लगाये जानेवाले जांच शिविर की सफलता की जिम्मेवारी संबंधित क्षेत्र के एसटीएस व आशा को दी गयी है. शिविर लगने की सूचना उक्त लोग टोलों के लोगों को पूर्व में देने का काम करेंगे, ताकि निर्धारित तिथि पर लगनेवाले शिविरों में टोलों के लोग बलगम जांच के लिए आ सके. शिविर में आनेवाले प्रत्येक सदस्य की बलगम जांच के लिए नमूने टीबी लैब तकनीशियन संग्रह करेंगे.
शिविर में नमूने संग्रह करने के लिए प्रयोगशाला प्रावैधिकी मौजूद रहेंगे, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों अर्थात शिविर में आनेवाले लोगों के बलगम आसानी रूप से लिया जा सके. सरकार की इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र के अधिकारी तैयारी शुरू कर दी है. शिविर आयोजित करने के लिए प्रखंडवार तिथि निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. निर्धारित तिथि के अनुसार ही महादलित व दलित टोलों में जांच शिविर लगाये जायेंगे.
प्रत्येक प्रखंड के महादलित व दलित टोलों में लगेंगे शिविर : जिले के हर प्रखंड के महादलित व दलित टोलों में टीबी जांच कैंप लगाये जायेंगे. जिले में बीस प्रखंड हैं. इन प्रखंडों के महादलित व दलित टोलों में शिविर लगाने के लिए स्थल चयन की कार्रवाई करने की जिम्मेवारी संबंधित क्षेत्र के एसटीएस को दी गयी है.
एक-दो दिनों में शुरू होगा जांच अभियान
यह कार्यक्रम अगले एक-दो दिनों में शुरू हो जाने की संभावना हैं. यह कार्यक्रम तीन सप्ताह तक चलाये जायेंगे. इस कार्यक्रम की सफलता के लिए टीबीडीसी के चीफ मेडिकल अफसर डा. जेपी सुकुमार पिछले 30 मई को जिला यक्ष्मा केंद्र आकर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार के साथ बैठकर रणनीति बनायी थी. टीबीडीसी के चीफ मेडिकल अफसर डा. सुकुमार ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि महादलित व दलित टोलों में टीबी जांच कैंप लगाने की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करें, ताकि कार्ययोजना को जिले में पूरी तरह से मूर्त रूप दिया जा सके.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले के महादलित व दलित टोलों में टीबी जांच के लिए कैंप लगाने की दिशा में पहल शुरू कर दी गयी है. इसके लिए तिथि निर्धारित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. एक दो दिनों में टोलों में कैंप शुरू हो जायेगा. जांच रिपोर्ट में टीबी बीमारी की पुष्टि होने पर संबंधित लोगों का पंजीयन कर तुरंत चिकित्सा सेवा एवं दवा दी जायेगी.
डा. रवींद्र कुमार, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, नालंदा
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