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बुनियादी सुविधाओं पर खर्च होंगे 325 करोड़

बिहारशरीफ : स्मार्ट सिटी बनाने के लिए लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जायेगा. इसके तहत क्षेत्र आधारित विकास एवं पूर्ण शहर आधारित विकास कार्य किये जायेंगे. सिटी के विकास के लिए योजनाएं बनायी जायेंगी. वैसे तो स्मार्ट सिटी की योजना 1517 करोड़ रुपये की है, जिसमें भारत सरकार 976 करोड़ में से 50 फीसदी […]

बिहारशरीफ : स्मार्ट सिटी बनाने के लिए लोगों के जीवन स्तर को सुधारा जायेगा. इसके तहत क्षेत्र आधारित विकास एवं पूर्ण शहर आधारित विकास कार्य किये जायेंगे. सिटी के विकास के लिए योजनाएं बनायी जायेंगी. वैसे तो स्मार्ट सिटी की योजना 1517 करोड़ रुपये की है, जिसमें भारत सरकार 976 करोड़ में से 50 फीसदी देगी. इसमें से सर्वाधिक एरिया आधारित विकास पर 1301 करोड़ खर्च किये जायेंगे. इसी प्रकार बुनियादी सुविधाओं पर 325 करोड़ खर्च होने हैं.

शहरी अवस्थापना और सेवाएं बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी की सहायता ली जायेगी. इससे यहां के नागरिकों का चहुंमुखी विकास, जीवन की गुणवत्ता सुधार, रोजगार के अवसर सभी के लिए विशेष तौर से गरीबों और वंचितों की आय में वृद्धि हो सकेगा. नगर निगम के द्वारा कार्यों को संपादित करने के लिए कंपनी का गठन किया जाना है. वैसे सब कुछ तैयार हो गया है. बस पांच दिन में कंपनी का रजिस्ट्रेशन हो जाने की संभावना है. वैसे तो स्मार्ट सिटी की योजना 1517 करोड़ रुपये की है. इसमें भारत सरकार 976 करोड़ में से 50 फीसदी केंद्र सरकार देगी. राज्य सरकार की हिस्सेदारी की राशि 488 करोड़ रुपये है.

इसके अतिरिक्त कंपनी गठन के लिए 2.50 करोड़ रुपये का भार वहन करना होगा. अनुमानित 337 करोड़ रुपये पीपी मोड से होगी. स्मार्ट सिटी मिशन को एक केंद्रीय प्रायोजित स्कीम के रूप में चलाया जायेगा. केंद्र सरकार के द्वारा पांच वर्ष में करीब 100 करोड़ अलग से दी जायेगी. इस प्रकार स्मार्ट सिटी विकास के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये (यूएसबी) केंद्र प्रायोजित स्कीमों पर खर्च किये जायेंगे.

बोर्ड के डायरेक्टर करेंगे डिजिटल हस्ताक्षर : कंपनी रजिस्ट्रेशन का कार्य प्रक्रिया में है. संकल्प पत्र मंत्रिमंडल के पास भेजने के पहले ही कंपनी के नियमों का संधारण कर ली गयी है. स्मार्ट सिटी के सभी डायरेक्टर का डिजिटल सिग्नेचर होगा. प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त , मेयर, डीएम का डिजिटल सिग्नेचर और डिन बना लिया गया है.
24 घंटे सातों दिन पानी की सप्लाई का लक्ष्य
कंपनी रजिस्ट्रेशन के बाद उससे काम लिया जाना है. इसके लिए ऑटिकिल ऑफ एसोसिएशन व मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन तैयार किया गया है. इससे होगा यह कि कार्य सुचारु होगा. बुनियादी सुविधाएं के तहत 24 घंटे सातों दिन हर घर में पानी सप्लाई करने का उद्देश्य है. इसी प्रकार बिजली के क्षेत्र में संरचनात्मक कार्य करके एक कंट्रोल रूम बनाया जाना है. ऐसा हो जाने से स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर भी पटना में बैठे शहर के किसी एरिया के बिजली सप्लाई को आपात समय में बंद कर सकते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
स्मार्ट सिटी के तहत लोगों के जीवन स्तर बेहतर करना ही उद्देश्य है. कंपनी रजिट्रेशन का कार्य पांच दिन में पूरा हो जाने की संभावना है. कंपनी हायर की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है. प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त , मेयर, डीएम का डिजिटल सिग्नेचर और डिन डायरेक्टर आइडेक्टिफेशन नंबर भी बना लिया गया है.
सौरभ जोरवाल, आयुक्त, नगर निगम, बिहारशरीफ

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