बिहारशरीफ : जिले में बुधवार को अक्षय तृतीया का व्रत सुहागिन महिलाओं ने रखा. महिलाओं ने भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ गौरी की भी पूजा की. अक्षय फल देने वाले अक्षय तृतीया के अवसर पर स्वर्ण आभूषण खरीदने वालों की भी भीड़ सर्राफा बाजारों में उमड़नी रही. इस संबंध में प्रसिद्ध धनेश्वर घाट हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित गोपाल कृष्ण पांडेय ने कहा कि अक्षय तृतीया को एक साथ तीन जयंतियां मनायी जाती हैं. वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम जयंती, मां अन्नपूर्णा जयंती तथा मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. इसलिए शुभ कार्य करने के लिए अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ माना जाता है.
इस दिन नया कारोबार, व्यापार, गृह प्रवेश तथा विवाह आदि जैसे शुभ कार्य भी किये जाते हैं. सोने चांदी की खरीदारी करने से घर में लक्ष्मी की वृद्धि होती है. इस दिव्य योग में दान पुण्य भी करना अत्यंत शुभ होता है. इस दिन अन्न, जल, पूरित घड़ा या कलश दान करना चाहिए. इससे व्यक्ति को धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. यह मां लक्ष्मी की कृपा पाने का सबसे अच्छा दिन है. पुराणों के अनुसार सत्तु, चने की भींगी दाल, स्वर्ण एवं जल पूर्ण कलश का दान किया जाता है.