बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश राम प्रताप अस्थाना ने 1981 में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के 19 आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. इसमें चंडी थाना क्षेत्र के रूपसपुर गांव में 13 लोगों की मौत हो गयी थी. कोर्ट ने सत्यनारायण महतो, अरविंद कुमार, अरविंद सिंह, गणेश सिंह, महेंद्र चौधरी, वाले मिस्त्री, मीटा मल्लाह, भोला सिंह, नवल सिंह, रवींद्र सिंह, उमेश सिंह, पारसमणि सिंह, भूषण सिंह समेत 19 आरोपितों को आरोप से मुक्त कर दिया.
इस मामले में कुल 24 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी. इस मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता दीपक रस्तोगी व अनिल कुमार सिंह ने बहस की तथा 22 गवाहों का परीक्षण किया. आरोपित चंडी थाना क्षेत्र के मिल्कीपर, चितर बिगहा, बेलछी, गोसाई बिगहा आदि गांवों के थे. जानकारी के अनुसार, तीन मई, 1981 की शाम भीड़ रूपसपुर गांव में घुस गयी और हमला कर दिया. इस मामले के सूचक इनुस मियां उर्फ बुलकन मियां के घरों में भीड़ ने आग लगा दी थी. इसमें अनिस, समिरा खातून एवं दो छोटे बच्चों की मौत हो गयी थी. अचानक भड़की सांप्रदायिक हिंसा में कुल 13 लोगों की जान चली गयी थी. हालांकि, इस घटना के पहले इन गांवों के बीच कोई मतभेद नहीं था.