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छबिलापुर थाना उड़ाने व शस्त्र लूटने के आरोपितों की रिहाई

दिसंबर 2005 की रात्रि में नक्सलियों ने किया था हमला बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के द्वितीय त्वरित न्यायाधीश एसएम नसीमुद्दीन ने बचाव पक्ष के कमलेश कुमार अधिवक्ता के बहसोपरांत साक्ष्य के अभाव में आरोपित सत्येंद्र यादव, विजयशंकर, अर्जुन कुमार, उदय यादव एवं संजय तिवारी को रिहा करने का फैसला सुनाया. इस मामले कुल तीन चार […]

दिसंबर 2005 की रात्रि में नक्सलियों ने किया था हमला

बिहारशरीफ : जिला न्यायालय के द्वितीय त्वरित न्यायाधीश एसएम नसीमुद्दीन ने बचाव पक्ष के कमलेश कुमार अधिवक्ता के बहसोपरांत साक्ष्य के अभाव में आरोपित सत्येंद्र यादव, विजयशंकर, अर्जुन कुमार, उदय यादव एवं संजय तिवारी को रिहा करने का फैसला सुनाया. इस मामले कुल तीन चार सौ अज्ञात को भादस की कई धाराओं के तहत आरोपित बनाकर प्राथमिकी सहायक अवर निरीक्षक के फर्दबयान पर सिलाव छबिलापुर थाना कांड संख्या 290/05 के तहत दर्ज की गयी थी.
यह कांड नक्सल उग्रवाद से जुड़ा हुआ था. बचाव पक्ष अधिवक्ता कमलेश कुमार के अनुसार मामला नक्सल उग्रवादी से जुड़ा हुआ था, जबकि 11 दिसंबर 05 की रात्रि साढ़े ग्यारह बजे चार पांच सौ लोगों ने थाने पर हमला कर दिया था. पुलिस और उग्रवादियों के बीच कई सौ राउंड गोलियां चली थी. थाना पर ताबड़तोड पेट्रोल बम फेकें, जिससे परिसर में आग लग गयी थी. फायरिंग के क्रम में थाने में मौजूद पुलिस बल राजकिशोर चौधरी, हवलदार रामसकल राम, किशोरी रविदास, रामवृक्ष मांझी तथा रसोइया श्रवण ठाकुर के शरीर में गोली लगने से गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. इसी क्रम में उग्रवादियों ने सभी पुलिसकर्मियों का हाथ पैर बांधकर आग्नेयास्त्र लूट लिये तथा मधवन हत्या का बदला ले लिया व माओवादी जिंदाबाद के नारे के साथ थाने को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया.
इस हमले में चौकीदार रामवृक्ष मांझी की गोली लगने से मृत्यु हो गयी थी. नामित आरोपी बेकसूर थे तथा साक्ष्य के अभाव में रिहा हुए. पांच गवाहों का विचारण के दौरान परीक्षण किया गया परंतु आरोपियों के पहचान पत्र स्पष्ट न होने से इन्हें रिहा किया गया.

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