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जिले के 159 एटीएम में से आधे से अधिक बेकार

परेशानी. कहीं कैश नहीं तो कहीं मशीन में है गड़बड़ी कार्ड लेकर भी भटक रहे लोग बिहारशरीफ : ग्राहकों को बेहतर बैंकिंग सेवा प्रदान करने वाली एटीएम सेवा अब ग्राहकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. जिले के दो दर्जन बैंकों द्वारा अब तक 159 एटीएम केंद्र खोले गये हैं, अपने हजारों ग्राहकों को […]

परेशानी. कहीं कैश नहीं तो कहीं मशीन में है गड़बड़ी

कार्ड लेकर भी भटक रहे लोग
बिहारशरीफ : ग्राहकों को बेहतर बैंकिंग सेवा प्रदान करने वाली एटीएम सेवा अब ग्राहकों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. जिले के दो दर्जन बैंकों द्वारा अब तक 159 एटीएम केंद्र खोले गये हैं, अपने हजारों ग्राहकों को धड़ल्ले से एटीएम कार्ड भी उपलब्ध कराये गये हैं. एटीएम कार्ड पाकर ग्राहक इसलिए संतुष्ट हो जाता है कि अब किसी भी समय वह एटीएम के माध्यम से आवश्यक राशि आसानी से प्राप्त कर सकता है. ग्राहकों को तब भारी मायुसी होती है जब वे एटीएम केंद्र में पैसे निकालने जाते हैं. कहीं ‘कैश नहीं तो कहीं एटीएम खराब है’ का बोर्ड पढ़कर ग्राहक कई एटीएम केंद्रों का चक्कर लगाने को विवश हो जाते हैं.
यदि किस्मत अच्छी रही तो किसी एटीएम से राशि निकल भी सकती है अथवा बैरंग वापस भी हो सकते हैं. इन दिनों जिले के अधिकांश बैंकों के एटीएम सेवा की स्थिति अच्छी नहीं है. जिले के कई एटीएम तो महीनों तक खराब पड़े रहते हैं, जबकि कई एटीएम में कभी-कभी कुछ राशि बैंक द्वारा डाल दी जाती है. ऐसे में जिस एटीएम में राशि निकलती है वहां ग्राहकों की लंबी कतारें लग जाती है तथा ग्राहक घंटे भर कतार में रहकर आवश्यक राशि प्राप्त करने में सफल होते हैं. अक्सर इस स्थिति में ग्राहक एटीएम सेवा को कोसते नजर आते हैं.
वक्त पर काम नहीं आ रहा एटीएम :
बैंकों द्वारा संचालित सभी एटीएम केंद्र यदि सुचारू ढंग से कार्य करे
तो ग्राहकों के लिए यह सचमुच में काफी उपयोगी साबित होता. एटीएम के खराब रहने अथवा उसमें राशि नहीं डाले जाने पर ही ग्राहकों को मायूसी होती है. ऐसे में अब उपभोक्ता कई एटीएम केंद्रों का चक्कर लगाकर खाली हाथ रह जाता है. उन्हें कठिनाई होती है. सबसे ज्यादा परेशानी तो तब होती है जब ग्राहक को पैसों की सख्त जरूरत होती है तथा एटीएम खाली अथवा खराब मिलता है.
एटीएम खराब करने में ग्राहक तथा अन्य लोगों का हाथ : अधिकांश बैंक अधिकारियों का कहना है कि एटीएम खराब करने में ग्राहकों अथवा शरारती तत्वों का ही हाथ होता है. लोग यदि इसे अपनी संपत्ति की तरह इस्तेमाल करें तो यह जरूर लंबे समय तक कार्य करता रहेगा. कई एटीएम मशीनों में तो शरारती तत्वों द्वारा चिपकने वाला रसायन डालकर इसके बटन को निष्क्रिय कर दिया गया है. कई एटीएम केंद्रों में दरवाजों को तोड़ दिया गया है तो कई साईबर ठगों के भी शिकार हो जाते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
”एटीएम को सुचारू रखना संबंधित बैंकों की जिम्मेदारी होती है. बैंक अपनी सेवाओं को कारगर बनाकर ही अधिक से अधिक ग्राहकों को जोड़ सकता है.”
आरके बहेरा, एलडीएम, नालंदा.
क्या कहते हैं ग्राहक :
”एटीएम लेकर आदमी एक सीमा तक आर्थिक रूप से स्वतंत्रता महसूस करता है लेकिन एटीएम खराब रहने पर भारी कठिनाई होती है.”
भोला साव, व्यवसायी, अंबेर शेखाना
”बैंक द्वारा एटीएम केंद्रों को लावारिस हालत में छोड़ दिया जाता है. इसका खामियाजा बैंक के ग्राहकों को भुगतना पड़ता है.”
प्रो. विनय कुमार, केएसटी कॉलेज, सलेमपुर.
”यदि एटीएम सेवा सुचारू रूप से कार्य करे तो ग्राहकों को जल्दी बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़े. बैंकों को इसमें सुधार करना चाहिए.”
अरूण कुमार, निदेशक, डिलिजेंट इंग्लिश अकादमी
”एटीएम का उद्देश्य ही है कि ग्राहक हमेशा आर्थिक रूप से सबल रहे, लेकिन एटीएम में गड़बड़ी से काफी परेशानी होती है.”
रंजीत कुमार, व्यवसायी, रामचंद्रपुर
जिले में विभिन्न बैंकों के एटीएम
इलाहाबाद बैंक – 02
बैंक ऑफ बड़ौदा – 03
बैंक ऑफ इंडिया – 12
केनारा बैंक – 13
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया – 06
पंजाब नेशनल बैंक – 36
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया – 38
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया – 07
इंडियन बैंक ऑप इंडिया – 02
यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया – 01
ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स – 01
इंडियन बैंक – 01
सिंडिकेट बैंक – 02
यूको बैंक – 01
देना बैंक – 01
कारपोरेशन बैंक – 01
विजया बैंक – 01
आन्ध्रा बैंक – 01
ऐक्शिश बैंक – 09
एचडीएफसी बैंक – 07
आईडीबीआई बैंक – 03
आईसीआईसीआईसी बैंक – 04
बंधन बैंक – 01
नालंदा सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक – 06

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