बेन (नालंदा) : फर्जी गुरुओं का गढ़ कहे जाने से बेन प्रखंड को इन्कार नहीं किया जा सकता है. चाहे फर्जी डिग्री पर बहाली की हो या प्राधिकार की आड़ में शिक्षक बनने का गोरखधंधा हो या फिर नियोजन इकाई द्वारा मनमर्जी कर शिक्षक बना दिये जाने का मामला. ऐसा ही बेन प्रखंड में शिक्षक नियोजन का फर्जीवाड़ा सामने आया है.
प्राधिकार का हवाला दिखाकर नियोजन इकाई ने फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति कर दी है. ये शिक्षक वेतन भी उठा रहे हैं. इतना ही नहीं इस फर्जीवाड़े के खेल में पंचायत नियोजन इकाई के साथ प्रखंडस्तरीय शिक्षकों का नियोजन मामले में बीआरसी कार्यालय की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता है. साथ ही प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध है. आश्चर्य की बात तो यह है कि इन नियोजकों के संबंध में विभागीय पदाधिकारी द्वारा जानकारी उपलब्ध करा पाने में टालमटोल की नीति अपनायी जाती है. बेन में आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार नियोजन इकाई ने जो जानकारी उपलब्ध करायी है,
उसमें काफी भिन्नता पायी गयी है. शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार नालंदा के वाद संख्या 70/11 का हवाला देते हुए नियोजन पत्रांक 03, दिनांक 15 जनवरी, 2012 में पंचायत सचिव रामवृक्ष रजक के हस्ताक्षर में भिन्नता है. इतना ही नहीं, उक्त तिथि में निर्गत करने वाले पंचायत सचिव उक्त पंचायत में पंचायत सचिव नहीं हैं. (प्रखंड कार्यालय पत्रांक संख्या 569, दिनांक 15 जुलाई 2017 के अनुसार) माला बारा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय गंगटी में पदस्थापित शिक्षिका कुमारी संजु वर्मा से संबंधित है. इस नियोजन मामले में पंचायत सचिव, बीडीओ एवं बीईओ द्वारा स्पष्ट नहीं किये जाने से लगता है कि इस नियोजन के धंधे में सभी मूक सहमति दिख रहे हैं, तभी तो फर्जीवाड़े के मामले आने के बाद भी कार्रवाई की गुंजाइश कोसों दूर नजर आती है. बेन प्रखंड में यह सिर्फ एक नमूना है. ऐसे कई दर्जन शिक्षक हैं जिनके नियोजन को सही तरीके से खंगाला जाये, तो फर्जीवाड़े कर बने गुरुजी पर गाज गिर सकती है. ऐसे गुरुजी ही पढ़ाने के बजाय गलत तरीके से सरकार को चुना लगाने में लगे हैं. इन शिक्षकों के नियोजन के खेल में नियोजन इकाई द्वारा काफी मोटी रकम के आधार पर प्राधिकार का हवाला देकर शिक्षक बना दिया गया है. इस फर्जी नियोजन को रोक पाने में विभागीय पदाधिकारी बिल्कुल पंगु रहे हैं, जबकि बड़े पैमाने पर नियोजन इकाई ने मनमर्जी के तहत नियोजन किया है. ठीक इसी प्रकार फर्जीवाड़े कर शिक्षक बनाये जाने के आरोप में न्यायालय के आदेश पर मामले दर्ज होने पर कई पंचायत सचिव एवं मुखिया भागे फिर रहे हैं. देखना है कि ऐसे गुरुओं एवं गुरु घंटालों पर सरकार और विभागीय पदाधिकारी क्या कार्रवाई कर पाते हैं. वहीं इस संबंध में बीडीओ मो. फिरोज ने बताया कि उनके संज्ञान में नहीं है. जानकारी प्राप्ति के लिए बीईओ को लिखा गया है. मामला सही पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इधर, पंचायत सचिव से इस संबंध में पूछे जाने पर टालमटोल करते हुए अपना पक्ष देने से इन्कार कर दिया.