वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
वहीं, करीब दर्जनभर कॉलेजों ने 50 से अधिक शिक्षकों का रिकॉर्ड तो जमा किया है, लेकिन उनमें से लगभग 90 फीसदी रिकॉर्ड का फॉर्मेट अधूरा है. विवि द्वारा भेजे गये 15 बिंदुओं के फॉर्मेट पर पूरी जानकारी नहीं दी गयी है, जिससे जांच प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.
बिहार राज्य विवि सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करके विभाग को रिपोर्ट भेजनी है. आठ नवंबर को पटना में हुई समीक्षा बैठक के दौरान, अपर मुख्य सचिव डॉ बी राजेंदर ने जांच में हो रही लापरवाही को गंभीरता से लिया था और विवि को 15 दिनों में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसके बाद, विश्वविद्यालय ने 20 नवंबर तक सभी संबंधित प्रमाणपत्रों व सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स को रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा करने को कहा था. मामले में रजिस्ट्रार प्रो समीर शर्मा ने बताया कि जिन शिक्षकों के दस्तावेज मिल गये हैं, उनकी जांच कर रिपोर्ट भेज दी जायेगी, जबकि जिनके दस्तावेज नहीं मिले हैं, उनके बारे में भी विभाग को वास्तविक स्थिति से अवगत करा दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

