गर्भवती निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र में जांच करायी तो उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग देखेगा वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बेटियों की लगातार घटती संख्या पर रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार ने जिले में कई स्तरों पर सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके तहत अब जिले की सभी गर्भवती महिलाओं को चिह्नित कर उनकी निगरानी की जाएगी. आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं से यह जानकारी एकत्र करेंगी कि उन्होंने किस निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र से जांच कराई है. इसके बाद आशा की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्र से जांच रिपोर्ट मंगाई जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण तो नहीं किया गया है. इस कार्य के लिए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) के नेतृत्व में दो सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया गया है. सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने टीम को निर्देश दिया है कि शहरी क्षेत्र के सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों में जांच कराने वाली गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार कर उनसे पूछताछ कर मिलान किया जाए. मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने इस संबंध में सिविल सर्जन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं. निर्देश में कहा गया है कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड अनिवार्य रूप से कराया जाना है. इसके लिए निजी क्लीनिकों की भी समीक्षा की जाएगी. एसीएमओ और जिला स्वास्थ्य प्रबंधक संयुक्त रूप से जांच करेंगे. विशेष रूप से उन अल्ट्रासाउंड केंद्रों की सघन जांच की जाएगी, जहां रेडियोलॉजिस्ट स्वयं अल्ट्रासाउंड करते हैं.
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