मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर नीलामवाद मामले में विभागीय कार्यवाही तेज होने के चलते एक अनोखा मामला सामने आया है. दरअसल, बकाएदारों को चिह्नित कर उन्हें नोटिस भेजकर ऋण चुकता करने को कहा जा रहा है. ऋण नहीं देने पर वारंट और कुर्की का भी प्रावधान है. इसी कड़ी में नीलामपत्र पदाधिकारी सह जिला पंचायती राज पदाधिकारी की ओर से पताही रूप के महेश राम को नोटिस भेजा गया. अतिशीघ्र संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान करने को कहा गया अन्यथा इसकी वसूली को लेकर वारंट की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई. नोटिस मिलते ही महेश राम की पत्नी गिरिजा देवी दंग रह गई. वे अपने पति का मृत्यू प्रमाण पत्र और आवेदन लेकर कार्यालय पहुंची. उन्होंने नीलामपत्र पदाधिकारी को आवेदन देकर बताया कि उनके पति की मौत वर्ष 2011 में हार्ट अटैक से हो गई थी. इससे संबंधित मृत्यू प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया और ऋण माफ करने की गुहार लगाई. गिरिजा देवी ने बताया कि उनके पति के द्वारा कब और किस विभाग से ऋण लिया गया था. इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं है. उनका पति बहुत नशापान करते थे और 2011 में ही उनकी मौत हो चुकी है. वे लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और ऋण चुकता करने में असमर्थ हैं. इसलिए इसे माफ करने का अनुरोध किया है. बताया गया कि सहकारिता विभाग से मृत महेश राम के द्वारा ऋण लिया गया था, लेकिन इसे चुकता नहीं किया गया. इसपर विभाग की ओर से वर्ष 2015-16 में नीलामवाद दायर किया गया. अब इस मामले में राशि वसूली को लेकर सख्ती से कार्रवाई करना शुरू कर दिया गया है.
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