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शानदार होगा मुजफ्फरपुर का मेगा फूड पार्क और बरियारपुर औद्योगिक क्षेत्र, BIADA ने जारी किया मैप

मुजफ्फरपुर के दामोदरपुर स्थित मेगा फूड पार्क का मैप बियाडा द्वारा जारी किया गया है. यहां जमीन का रेट 142.33 रुपये वर्ग फुट रखा गया है. यहां उद्योग के लिये 60.47 एकड़ जमीन खाली है.

मुजफ्फरपुर जिला में मोतीपुर (दामोदरपुर ) स्थित मेगा फुड पार्क का फुल स्केल लेआउट मैप जारी किया गया है. जिसमें मेगा फूड पार्क में जमीन लेने के लिये इच्छुक निवेशकों के लिये लगभग पूरी जानकारी स्पष्ट दी गयी है. इसके साथ ही इंडस्ट्रियल एरिया बरियापुर का भी लेआउट को शेयर किया गया. बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (बियाडा ) पटना की ओर से एक-एक कर जिले में औद्योगिक क्षेत्र में नयी कंपनियों और निवेशकों को लाने के लिये तैयारी तेज कर दी गयी है.

जैसे-जैसे औद्योगिक क्षेत्र में काम पूरा हो रहा है, वैसे ही विभाग अपने एक्स सोशल पेज पर इसे अपडेट कर रही है. ताकि देश और दुनिया में कहीं से भी निवेशक जारी लेआउट के साथ पूरी जानकारी प्राप्त कर सके. साथ ही यूनिट लगाने के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सके. इसमें ट्रक पार्किंग एरिया, एडमिन ब्लॉक, मेन गेट, प्लॉट नंबर, औद्योगिक क्षेत्र के भीतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधा के बारे में स्पष्ट किया गया है.

मेगा फूड पार्क व बरियारपुर में खाली जगह की स्थिति

जिले के दामोदरपुर स्थित मेगा फूड पार्क में फिलहाल 62.53 एकड़ नये यूनिटों के लिये खाली जगह उपलब्ध है. जिसमें बियाडा की ओर से जमीन का रेट 142.33 रुपये वर्ग फुट रखा गया है. इसके साथ ही बरियारपुर इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योग के लिये 60.47 एकड़ जमीन खाली है. यहां भी जमीन का रेट 142.33 रुपये वर्ग फुट तय किया गया है. इस बारे में भी जानकारी शेयर की गयी है.

मेगा फूड पार्क के कोर प्रोसेसिंग में शामिल

  • ड्राई वेयर हाउस
  • कोल्ड स्टोरेज
  • केला पकाने का चैंबर
  • लीची पैक हाउस
  • आइक्यूएफ स्टोरेज

लीची व केला के किसानों की परेशानी होगी दूर

उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर की लीची और वैशाली के केला की पहचान दुनिया भर में है. लेकिन सही बाजार और फुड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी होती है. आंकड़ों के अनुसार मुजफ्फरपुर में 12 हजार तो मोतिहारी में 10 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है.

मुजफ्फरपुर में 20 हजार से अधिक व उत्तर बिहार में करीब 25 हजार किसान लीची की खेती से जुड़े है. ऐसे में उत्पादन को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिये प्रोसेसिंग यूनिट कारगर साबित होगा. बता दें कि इससे पहले भी लीची पैक हाउस को लेकर कई बार लीची उत्पादक संघ मांग कर चुके है.

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