प्लेटफॉर्म संख्या-7 और 8 के पास पहुंच पथ बनाने, शौचालयों को दुरुस्त कर चालू करने, यह सभी काम अधूरा
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद के बीच तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है. सोमवार को कंबाइंड टर्मिनल बिल्डिंग में कार्यालयों की शिफ्टिंग और प्लेटफॉर्म संख्या-1 पर ब्लॉक लेने के मुद्दे पर हुई उच्चस्तरीय बैठक एक बार फिर बेनतीजा रही. स्टेशन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक यात्री सुविधाएं जमीन पर नहीं दिखेंगी, ब्लॉक की अनुमति देना संभव नहीं है. एक सप्ताह पूर्व समस्तीपुर मंडल के डीआरएम ने निरीक्षण के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या-7 और 8 के पास पहुंच पथ बनाने, शौचालयों को दुरुस्त कर चालू करने और पार्सल कार्यालय के बगल से यात्रियों के लिए वैकल्पिक रास्ता देने का आदेश दिया था. हैरानी की बात यह है कि एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी आरएलडीए द्वारा इनमें से एक भी काम पूरा नहीं किया जा सका है. स्टेशन प्रशासन का तर्क है कि इन बुनियादी सुविधाओं के बिना शिफ्टिंग करने से यात्रियों को भारी फजीहत झेलनी पड़ेगी.
अब एक हफ्ते का नया अल्टीमेटम
बैठक के बाद स्टेशन डायरेक्टर रवि शंकर महतो ने बताया कि आरएलडीए के साथ हुई चर्चा में अब तमाम चिह्नित कार्यों को अगले एक सप्ताह के भीतर पूरा करने पर सहमति बनी है. बताया गया कि निर्माण कार्य पूरा होने और यात्री सुविधाओं के बहाल होने के बाद ही शिफ्टिंग या प्लेटफॉर्म-1 पर ब्लॉक लेने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इस बैठक में स्टेशन अधीक्षक अखिलेश सिंह, डिप्टी एसएस मृत्युंजय शर्मा, आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार और इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
बेघर हुए रेलकर्मियों को प्राथमिकता पर मिलेगा क्वार्टर
स्टेशन परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के कारण कई रेल क्वार्टरों को तोड़ा गया है. सोमवार को हुई एक अन्य महत्वपूर्ण बैठक में क्वार्टर आवंटन की नीति पर भी चर्चा हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि जिन रेलकर्मियों के क्वार्टर निर्माण कार्य की वजह से तोड़े गए हैं, उन्हें नए क्वार्टरों के आवंटन में पहली प्राथमिकता दी जाएगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

