Bihar News:नगर निगम ने शहर को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत 50 टन प्रतिदिन कैपेसिटी वाला मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) बनाया जाएगा. इस परियोजना में निर्माण, मशीनें लगाने, चालू करने और अगले पांच वर्षों तक उसके संचालन व देखभाल की जिम्मेदारी शामिल है. इसके लिए निगम ने टेंडर जारी किया है. करीब 11.63 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एमआरएफ एक विशेष केंद्र होगा, जहां रोज़ाना आने वाले सूखे कचरे को अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाएगा. प्लास्टिक, कागज, धातु और कांच जैसी चीजें मशीनों की मदद से अलग होंगी. इन उपयोगी सामग्रियों को आगे रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री तक भेजा जाएगा, ताकि उनका दोबारा इस्तेमाल हो सके.
बेहतर होगी साफ-सफाई
इस प्रक्रिया से न केवल शहर में साफ-सफाई बेहतर होगी, बल्कि पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले कचरे का सही निपटारा भी किया जाएगा. इसके साथ ही, इस प्रोजेक्ट से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. नगर निगम का मानना है कि इस सुविधा से शहर की गंदगी कम होगी और लोगों को अधिक स्वच्छ वातावरण मिलेगा.
खुलेंगे रोजगार के अवसर
इस योजना से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. कचरे को छांटने और रीसाइक्लिंग से जुड़ी गतिविधियों में बड़ी संख्या में युवाओं को काम मिलेगा. इससे एक तरफ उनका आर्थिक सहारा मजबूत होगा और दूसरी तरफ शहर को भी स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.महापौर निर्मला देवी ने कहा कि यह योजना स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग सुधारने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेगी.
इस दिन तक भरे जा सकते हैं टेंडर
इस परियोजना के लिए नगर निगम ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. टेंडर 6 से 12 सितंबर तक भरे जा सकेंगे और 13 सितंबर को खोले जाएंगे. अधिकारियों का कहना है कि टेंडर खुलने के बाद जल्द ही कंपनी का चयन कर काम शुरू करा दिया जाएगा, ताकि शहर को समय पर इस सुविधा का लाभ मिल सके.
मशीनों की मदद से कचरें किए जाएंगे अलग
मशीनों की मदद से सूखे कचरे को छांटा जाएगा, जिसमें प्लास्टिक, कागज, धातु और कांच जैसी सामग्री अलग कर ली जाएगी. इन वस्तुओं को रीसाइक्लिंग इकाइयों तक भेजा जाएगा, जहां उन्हें दोबारा तैयार कर उपयोग में लाया जा सकेगा. इससे कचरे की मात्रा घटेगी और चीजों का सही इस्तेमाल संभव होगा.
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