-एचडीएफसी व पंजाब एंड सिंध बैंक से पूछा कारण
-ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के दिये गये निर्देशमुजफ्फरपुर.
डीडीसी श्रेष्ठ अनुपम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति व जिला स्तरीय आरसेटी परामर्शदात्री समिति की बैठक समाहरणालय सभागार में हुई. बैठक में एलडीएम दिनेश प्रसाद सिन्हा ने पिछली बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि के लिए प्रस्ताव रखा.इसके बाद वित्तीय वर्ष के लिए बैंकों द्वारा लक्ष्य के विरुद्ध दिसंबर 2024 तक की उपलब्धि की समीक्षा के लिए आंकड़े पेश किये गये.बैठक में एचडीएफसी बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक के अधिकारी के नहीं रहने पर स्पष्टीकरण का निर्देश डीडीसी ने दिया. डीडीसी ने सारे बैंकों को ऋण जमा अनुपात बढ़ाने पर विशेष बल दिया. हालांकि जिले के ऋण जमा अनुपात 74.43 % पर संतोष व्यक्त किया गया. वार्षिक ऋण लक्ष्य को जल्द पाने के निर्देश दिये. इसके साथ ही केसीसी, पीएमइजीपी, पीएमएफएमइ, स्वयं सहायता समूह ऋण, मत्स्य, पशुपालन ऋण आदि बांटने में तेजी लाने के लिए बैंकों को निर्देश दिये गये.
नीलामवाद संबंधित मामलों का मिलान व त्वरित निस्तारण के लिए निर्देशित किया गया. सामाजिक सुरक्षा संबंधी गतिविधियों जैसे पीएमजेजेवाइ, पीएमएसबीवाइ, पेंशन योजना में बैंकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए आह्वान किया गया. नाबार्ड द्वारा तैयार पोटेंशियल लिंक्ड योजना को लाॅन्च किया गया. एलडीएम ने अंत में सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापन किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है