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टीकाकरण से सुरक्षित होंगे जिले के बच्चे, 96 प्रतिशत लक्ष्य हुआ पूरा

टीकाकरण से सुरक्षित होंगे जिले के बच्चे, 96 प्रतिशत लक्ष्य हुआ पूरा

:: शहरी क्षेत्र व 16 प्रखंडों में 96 प्रतिशत बच्चों का हुआ संपूर्ण टीकाकरण वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले के बच्चों को अब गंभीर बीमारियों से टीकाकरण के जरिए सुरक्षित किया जाएगा. इसके लिए जिले के सभी 16 प्रखंडों में टीकाकरण केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं. प्रत्येक केंद्र पर कोल्ड चेन हैंडलर की तैनाती भी की गई है, ताकि टीकों को सुरक्षित तापमान में रखा जा सके. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस व्यवस्था से जिले में टीकाकरण की स्थिति में और सुधार आएगा तथा शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले के 16 प्रखंडों में अब तक 96 प्रतिशत बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण किया जा चुका है. शेष चार प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं, जो टीकाकरण के समय अपने घर पर उपलब्ध नहीं पाए गए. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस के पांडे ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और व्यापक बनाने के उद्देश्य से नियमित टीकाकरण अभियान लगातार चलाया जा रहा है. अब तक निर्धारित लक्ष्य का 96 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है और आगामी तीन महीनों में 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. डॉ पांडे ने कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों और माताओं की सुरक्षा का मजबूत कवच है. टीकाकरण के माध्यम से पोलियो, खसरा, डिप्थीरिया, टिटनेस समेत कई घातक बीमारियों से बचाव संभव है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ समाज की नींव होते हैं. टीकाकरण न केवल बच्चों को बीमारियों से बचाता है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है. उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे टीकाकरण को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें और स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें. बच्चों के लिए प्रमुख टीके स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बच्चों को जन्म से लेकर किशोरावस्था तक निर्धारित समय के अनुसार कई महत्वपूर्ण टीके लगाए जाते हैं. इनमें डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, खसरा, कण्ठमाला, रूबेला, चिकनपॉक्स (वैरिसेला), हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, न्यूमोकोकल, रोटावायरस, इन्फ्लुएंजा (फ्लू) और एचपीवी शामिल हैं. ये टीके बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं और उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को टिटनेस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस, फ्लू (इन्फ्लुएंजा), हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, चिकनपॉक्स और रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस के टीके लगाए जाते हैं. ये टीके मां और नवजात शिशु दोनों को गंभीर बीमारियों से बचाने में सहायक होते हैं. विशेष रूप से 27 से 36 सप्ताह के बीच लगाया जाने वाला टीका शिशु को काली खांसी से सुरक्षा प्रदान करता है.

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Kumar Dipu
Kumar Dipu
I am working as a senior reporter at Prabhat Khabar muzaffarpur. My writing focuses on health, political, social, and current topics.

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