हाइ फीवर से बच्चे हो रहे पीड़ित, गांवों में नीम-हकीम के इलाज से बढ़ रहा मर्ज
कम व अधिक डोज वाले एंटीबायोटिक खाने के बाद अस्पताल पहुंच रहेएक से अधिक रोग वाले बच्चों को भी हो रहा हाई फीवर
बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा नहीं खिलाने की सलाहउपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरइन दिनों बच्चों में हाइ फीवर आम बात है. मौसम में उतार चढ़ाव से बच्चे वायरस व बैक्टीरिया जनित रोग की चपेट में अधिक आ रहे हैं, लेकिन कई बच्चों को लंबे समय तक फीवर से जूझना पड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों से लेकर नर्सिंग होम ओर शिशु रोग विशेषज्ञों के क्लिनिक में बीमार बच्चों की भीड़ लग रही है. वायरस जनित रोगों से बीमार बच्चे तो चार-पांच दिन में ठीक हो जा रहा है, लेकिन बैक्टीरिया जनित रोगों के शिकार बच्चों को स्वस्थ होने में काफी समय लग रहा है. इसका कारण इलाज के क्रम में बच्चों को कम डोज या अधिक डोज देना है. इसके अलावा पहले हुए वायरल फीवर में भी जिन बच्चों को एंटीबायोटिक दवाएं खिलायी गयी थी, उन पर अब यह दवा बेअसर हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में हाई फीवर होने और लंबे समय तक फीवर रहने का दो कारण है. जिन बच्चों में दो बीमारी एक साथ होती है, उसे ठीक होने में वक्त लगता है. यदि कोई बच्चा टायफायड व टीबी से पीड़ित हो तो सिर्फ टायफायड की दवा काम नहीं करती. कई परिवार के लोग बच्चों के फीवर होने पर उसे पहले डॉक्टर की लिखी दवा या दवा दुकानदार से पूछ कर दवा खिलाते हैं. इससे मामला बिगड़ जाता है.
वायरल फीवर में नहीं दें एंटीबायोटिक
डॉक्टर कहते हैं कि वायरल फीवर में एंटीबायोटिक दवाएं नहीं देनी चाहिये. बेवजह दवा खाने से वह दवा बच्चों में रेसिस्ट कर जाती है. फिर जरूरत पड़ने पर उस दवा के खाने से उसका फायदा नहीं होता. वह दवा बेअसर हो जाती है. बच्चों को कोई भी दवा बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं देनी चाहिये. बच्चों की जांच के बाद ही एंटीबायोटिक दवा शुरू की जाती है.:::::::::::::
इन दिनों बच्चों में हाई फीवर अधिक हो रहा है. इसका एक कारण बच्चों को एक से अधिक रोग से पीड़ित होना है. दूसरा एंटीबायोटिक दवाएं रेसिस्ट करना है. इन दिनों गांव से आने वाले अधिकतर परिवार गांव के नीम हकीम से इलाज करा कर आते हैं. इनमें कई बच्चों को पहले से ही हाई एंटीबायोटिक सूई पड़ी होती है तो कई को डोज से कम दवा का कोर्स कराया जा चुका होता है. ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक दवाएं रेसिस्ट कर जाती हैं. इस कारण बच्चों को स्वस्थ होने में अधिक समय लगता है. – डॉ राजीव कुमार, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग, केजरीवाल अस्पतालडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

