खादी भंडार में चल रहे भागवत कथा महायज्ञ में रही श्रद्धालुओं की भीड़ उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर खादी भंडार में चल रहे भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन गुरुवार को कथा वाचक छोटे बापू ने कहा कि मानव जीवन में सुख और शांति प्राप्त करने के लिए धर्मानुकूल आचरण करना आवश्यक है. उन्होंने समझाया कि मन, वचन और व्यवहार से किसी का बुरा सोचने या करने वाला व्यक्ति कभी सुख-शांति प्राप्त नहीं कर सकता. उन्होंने धर्मराज युधिष्ठिर का उदाहरण देते हुए कहा कि महाभारत युद्ध के बाद हस्तिनापुर का सिंहासन पाकर भी युधिष्ठिर दुखी रहे, क्योंकि अपनों के वध और असंख्य जनहानि की पीड़ा उन्हें सताती रही. भगवान श्रीकृष्ण और भीष्म पितामह ने उन्हें धर्म, दान, मोक्ष, स्त्री धर्म, राजधर्म व भागवत धर्म का महत्व समझाया. छोटे बापू ने कहा कि जो कुछ हमें प्राप्त है, उसका उपयोग केवल अपने लिये नहीं कर, बल्कि समस्त प्राणियों की सेवा में करना चाहिए. जब हम अन्न, वस्त्र और धन से दूसरों के सुख की कामना करते हैं तो हमें उससे अधिक सुख और शांति मिलती है. उन्होंने कहा कि धर्म, संस्कृति और संस्कारों की रक्षा हेतु समय-समय पर दिव्य आत्माएं धरती पर अवतरित होती हैं. इसी क्रम में परीक्षित महाराज का जन्म हुआ, जिनके कारण कलियुग में भी सतयुग जैसा वातावरण बना. भागवत में यह वर्णित है कि जब परीक्षित को मृत्यु का शाप मिला तो सुखदेव महाराज ने उन्हें गंगातट पर सात दिन तक कथा सुनाकर मोक्ष का मार्ग दिखाया. छोटे बापू ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति के तीन मार्ग हैं, ज्ञान मार्ग, कर्म मार्ग और भक्ति मार्ग. ज्ञान और कर्म मार्ग में पतन की संभावना रहती है, जबकि भक्ति मार्ग सर्वोत्तम है, इसमें निरंतर उन्नति होती है. खादी ग्रामोद्याेग के मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भागवत कथा से भक्ति, प्रेम, सहनशीलता और त्याग को समझने का अवसर मिलता है. अध्यक्ष अभय कुमार चौधरी ने कहा कि खादी परिसर का पूरा वातावरण भागवत कथा से भक्तिमय हो गया है. इस मौके पर भाजपा नेता देवांशु किशोर, अभय कुमार चौधरी, वीरेंद्र कुमार, रुपेश चंद्र रुपम, योगेश प्रसाद सिंह, मृत्युंजय कुमार, रजनीश कुमार, कमलेश्वर ठाकुर, सरोज कुमार, सियाराम शरण व्यास, राजन कुमार, चितरंजन कुमार, विजय शंकर सिंह व प्रेम शंकर शर्मा मौजूद थे.
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